केंद्र की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी घटाई जीपीएफ पर ब्याज दर, 7.9 से हटाकर तय की नई दर,कर्मचारियों को 10 हजार तक का हो सकता है नुकसान

केंद्र की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी घटाई जीपीएफ पर ब्याज दर, 7.9 से हटाकर तय की नई दर,कर्मचारियों को 10 हजार तक का हो सकता है नुकसान

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  • Publish Date - May 9, 2020 / 04:17 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की ब्याज दर में कटौती कर दी है। शिवराज सरकार ने जीपीएफ के लिए ब्याज दर को ब्याज दर 7.9 से हटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया है। कोरोना महामारी से आर्थिक मंदी बढ़ती जा रही है। इस समय केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के जनरल प्रोविेडेंट फंड (जीपीएफ) में जमा राशि पर ब्याज दर 7.9 से घटाकर 7.1 प्रतिशत किया है। इसे हाल ही में राज्य सरकार ने भी लागू कर दिया है। सरकारी कर्मचारियों को औसतन हर साल 5 से 10 हजार तक का नुकसान हो सकता है। कोरोना महामारी से छाई आर्थिक मंदी के चलते ब्याज दर घटाई गई है। 

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दरअसल कर्मचारी अपने सेवाकाल में जीपीएफ में राशि जमा करवाते हैं । कर्मचारी जीपीएफ में वेतन का 50 फीसदी तक कटौती करवा सकते हैं। इस तरह कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में 50 लाख से 1 करोड़ रुपए तक जमा हो जाती हैं। यह राशि उन्हें सेवानिवृत्ति पर ब्याज समेत मिलती है। जीपीएफ की जमा राशि में एक यह भी प्रावधान रहता है कि कर्मचारी सेवाकाल में जरूरत के हिसाब से कुल जमा राशि का 90 फीसदी हिस्सा तक निकाल सकता है। वहीं, बचत के हिसाब से अधिकांश कर्मचारी जीपीएफ में जमा राशि में से कम अंश ही निकालते हैं। सरकारी कर्मचारियों को औसतन हर साल 5 से 10 हजार तक का नुकसान हो सकता है। कोरोना महामारी से छाई आर्थिक मंदी के चलते ब्याज दर घटाई गई है। 

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कर्मचारी भविष्य निधि में होने वाले कटौती में पांच से छह साल पहले तक 12 प्रतिशत तक ब्याज दर रही है जो बैंकों में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज से ज्यादा होती थी। इसे बाद में घटाकर 9.5 और 8.5 प्रतिशत तक कर दिया गया। हाल ही में इसे 7.9 से घटाकर 7.1 प्रतिशत तक किया गया।

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बता दें कि पिछली तिमाही में जनरल प्रोविडेंट फंड और अन्य समान फंड्स पर ब्याज दर 8 फीसदी थी। यह संसोधित ब्याज दर केंद्र सरकार के कर्मचारियों, रेलवे और रक्षा बलों की भविष्य निधियों पर लागू होगी। यह दर सार्वजनिक भविष्य निधि के अनुरूप है।

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, ‘यह घोषणा की जाती है कि जनरल प्रोविडेंट फंड और इसी तरह के अन्य फंड्स पर 1 जुलाई, 2019 से 30 सितंबर 2019 तक ब्याज दर 7.9 फीसदी होगी। यह दर एक जुलाई 2019 से लागू होगी।’