40 साल की उम्र में बच्चे पैदा करने का ‘मुस्लिम फॉर्मूला’, मौलाना के इस बयान पर सियासी गलियारों में मचा बवाल

बयान को लेकर मौलाना बदरुद्दीन अजमल चौतरफा घिर गए हैं! 40 Sal ki umra me Baccha paida karne ka muslim Formula

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  • Publish Date - December 6, 2022 / 02:54 PM IST,
    Updated On - December 6, 2022 / 02:54 PM IST

गुवाहाटी: 40 Sal ki umra me Baccha paida karne ka muslim Formula गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए बयान को लेकर AIUDF के प्रेसिडेंट और धुबरी से सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल चौतरफा घिर गए हैं। चुनाव खत्म होने के बाद भी उनकी आलोचना रूक नहीं रही है। हालांकि उन्होंने बाद में अपने बयान को लेकर माफी मांग ली थी, लेकिन तब तक सियासी गलियारों में बवाल मच चुका था। वहीं, अब मौलाना बदरुद्दीन अजमल को असम के मुख्यमंत्री हिमंस विस्वा सरमा ने करारा जवाब दिया है।

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40 Sal ki umra me Baccha paida karne ka muslim Formula असम के मुख्यमंत्री ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि महिलाएं बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं हैं। सरमा ने आरोप लगाया कि अजमल सिर्फ वोट बैंक के लिए एक वर्ग विशेष को खुश करने में लगे हैं। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर महिलाएं अधिक बच्चे पैदा करती हैं, तो अजमल इन बच्चों के बड़े होने तक उनकी परवरिश का खर्चा उठाएं। सरमा ने यह भी कहा कि वे मुस्लिम बहनों से कहना चाहेंगे कि बदरुद्दीन की बातों पर ध्यान न दें। दो से अधिक बच्चे पैदा न करें। क्योंकि इसका असर शरीर पर पड़ता है। सरमा ने कहा कि इसका असर समाज पर भी पड़ेगा और असम तबाह हो जाएगा।

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गौरतलब है कि बदरुद्दीन अजमल ने असम के करीमगंज में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, “वो (हिंदू) 40 साल से पहले गैरकानूनी तरीके से 2-3 बीवियां रखते हैं। 40 साल के बाद उनमें बच्चा पैदा करने की क्षमता कहां रहती है। उनको मुसलमानों के फॉर्मूले को अपनाकर अपने बच्चों की 18-20 साल की उम्र में शादी करा देनी चाहिए।”

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वहीं, फिल्म लेखक और गीतकार जावेद अख्तर अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। कोई भी राष्ट्रीय मुद्दा हो, वे अपनी राय अवश्य रखते हैं। अब उन्होंने कॉमन सिविल कोड बिल(Uniform Civil Code-UCC) पर एक ऐसी सलाह दी है, जो वायरल है। जावेद अख्तर ने मुस्लिम पर्सनल लॉ को आड़े हाथों लेते हुए कहा-“मुस्लिम पर्सनल लॉ में एक से ज्यादा बीवी रखने की इजाजत है, जो समानता के खिलाफ है। अगर पति कई पत्नियां रख सकता है तो फिर औरत को भी यही हक मिलना चाहिए। अख्तर ने दो टूक कहा कि एक से ज्यादा शादी करना हमारे कानून के खिलाफ है। अगर कोई अपनी रिवायतें बरकरार रखना चाहे, तो रखे, लेकिन संविधान से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं होगा।”

 

 

 

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