ओडिशा। हाथ में बल्ला, आंखों पर चश्मा और कोट पहने 84 साल के श्याम बाबू साल 1962 से लोकसभा, विधानसभा और राज्यसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ते आ रहे हैं।
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बकौल श्याम बाबू उनकी ये लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है। इसलिए वो पिछले कई दशकों से चुनाव लड़ते आ रहे हैं। हालांकि उन्हें 32 बार चुनाव लड़ने में एक बार भी जीत नसीब नहीं हुई।
#Odisha: 84-yr old Dr Shyam Babu Subudhi: I am going to fight Lok Sabha elections from Aska and Berhampur. I campaign on my own in trains, buses and at market places. It does not matter whether I win or lose. I have to continue the fight” pic.twitter.com/x6GZdRooNy
— ANI (@ANI) April 7, 2019
लेकिन फिर भी श्याम बाबू भ्रष्ट्राचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखना जाते हैं। इस बार श्याम बाबू अस्का और बेरहमपुर लोकसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं।
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श्याम बाबू अकेले अपना प्रचार करते है। वे ट्रेन, बसों और भीड़-भाड़ इलाके वाले जगहों में जाकर लोगों से वोट की अपील कर रहे हैं।
84-yr old Dr Shyam Babu Subudhi who has contested Lok Sabha,Assembly &Rajya Sabha polls as an independent since 1962&faced loss each time says,”I fought elections 32 times. I’ve to continue the fight against corruption. My election symbol is a bat&has’PM candidate’ written on it” pic.twitter.com/95G4wemg5e
— ANI (@ANI) April 7, 2019
बल्ले पर लिखा ‘प्राइम मिनिस्टर कैंडिडेट’ को श्याम बाबू ने अपना चुनाव चिन्ह बनाया है। उनकी मानें तो उन्हें जीतने-हारने पर कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी ये लड़ाई जारी रहेगी।
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