OMG..! शख्स के पेट से घुस गयी थी ऐसी चीज, बिल्कुल अनजान था मरीज, रिपोर्ट देख डॉक्टर्स के उड़ गए होश

A 5x1 cm sharp object had entered the person's stomach पेट में घुस गयी थी 5x1 सेमी की नुकीली चीज़ और अनजान था मरीज

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  • Publish Date - August 12, 2023 / 01:31 PM IST,
    Updated On - August 12, 2023 / 01:31 PM IST

नई दिल्ली। पेट में रक्तस्राव के कारण असहनीय दर्द से जूझ रहे मरीज का फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने लेप्रोटॉमी के जरिये सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया है। 45 वर्ष के मरीज राकेश कुमार को 26 जुलाई 2023 को रात 9:20 बजे पेट में तेज दर्द की शिकायत के साथ सेक्टर-137 के फेलिक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले शाम चार बजे उन्हें चोट लग गई थी। फेलिक्स अस्पताल में जांच के दौरान पता चला कि मरीज का हीमोग्लोबिन स्तर 5.9 ग्राम/डीएल है। हालांकि मरीज का रक्तचाप स्थिर था।

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पेट दर्द से परेशान था शख्स

एक्सरे में 5×1 सेमी का फारेन बॉडी का पता चला, जिसके कारण लगातार रक्तस्राव हो रहा था और पेट दर्द की समस्या बनी हुई थी। भर्ती के बाद अगले दिन लैपरोटॉमी की गई। सीनियर लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. रितेश अग्रवाल के नेतृत्व में सर्जिकल टीम ने पेट के अंदर रक्तस्राव को सफलतापूर्वक इलाज कर महत्वपूर्ण अंगों को संरक्षित किया है। एनेस्थीसिया टीम डॉ. आराधना और डॉ. अभिमन्यु राणा के सहयोग से सर्जिकल प्रक्रिया से पेट की गुहा में लगभग 2.5 लीटर रक्त के महत्वपूर्ण संचय का पता चला, जिसका तुरंत इलाज किया गया।

 घातक हो सकता था परिणाम

लैपरोटॉमी और समय पर इलाज से मरीज के लिए ऑपरेशन जीवनरक्षक साबित हुआ। यदि उपचार समय पर नहीं किया जाता, तो शरीर से लगातार रक्तस्राव का परिणाम घातक हो सकता था। सर्जरी के बाद मरीज पहले दिन खाना खाने में सक्षम रहा। उसकी हालत में लगातार सुधार हुआ है और लैपरोटॉमी प्रक्रिया के बाद सातवें दिन उन्हें छुट्टी दे दी गई है। यह केस सटीक जांच के बाद समय पर ऑपरेशन के महत्व को दर्शाता है। खास तौर से गंभीर पेट की चोटों से जुड़े मामलों में। डॉ. रितेश अग्रवाल का कहना है कि सफल लैपरोटॉमी और पोस्टऑपरेटिव रिकवरी ने ऐसे मामलों में शुरुआती जांच और समय पर सर्जिकल प्रबंधन के महत्व को दर्शाया है, जिससे इलाज के दौरान सकारात्मक परिणाम मिला। मरीज की गम्भीर स्थिति के बावजूद चिकित्सकों ने हार नहीं मानी और इलाज किया।

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चमत्कार से कम नहीं था ऑपरेशन 

कड़ी निगरानी और इलाज के बाद आखिरकार चिकित्सकों को सफलता हाथ लगी। मरीज की जान बचा ली गई। यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। पेट की खुली सर्जरी को लैपरोटॉमी कहा जाता है। यह बीमारी के असल कारण जानने और उसे ठीक करने में मदद करती है। लैपरोटॉमी उदर गुहा में एक सर्जिकल चीरा है। पेट के अंगों की जांच करने और किसी भी समस्या के निदान में सहायता के लिए लैपरोटॉमी की जाती है। संभावित जटिलताओं में पेट की गुहा के भीतर संक्रमण और निशान ऊतक का गठन शामिल है। लैपरोटॉमी का एक सामान्य कारण पेट दर्द की जांच करना है, लेकिन संकेतों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए प्रक्रिया की आवश्यकता हो सकती है। पेट के अंगों में पाचन तंत्र (जैसे पेट, यकृत और आंतें) और उत्सर्जन के अंग (जैसे गुर्दे और मूत्राशय) शामिल हैं।

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जान बचाने के लिए जरूरी था ऑपरेशन

डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा ऑपरेशन रिस्की रहता है, लेकिन उन्हें मरीज की जान बचानी थी, इसलिए ऑपरेशन किया। जो सफल रहा। अब मरीज खतरे से बाहर है। उन्हें घर भेज दिया गया है। डॉक्टर लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रबंधन की माने तो अस्पताल में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है।

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