डेनमार्क। एक तरफ जहां दुनिया कोविड-19 (Covid-19) के प्रकोप से मुक्त होने का इंतजार कर रही है। पिछले दो महीनों से कोरोना वायरस के वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron variant) ने भारत में तीसरी और यूरोप अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में तीसरी, चौथी या पांचवी लहर का कहर बरपाया हुआ है। वहीं डेनमार्क (Denmark) दुनिया का सबसे पहला ऐसा देश हो गया है जहां से कोविड-19 महामारी संबंधी लगभग सभी प्रोटोकॉल हटा लिए हैं जबकि यहां अब भी कोविड संक्रमण बढ़ ही रहे हैं।
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अब डेनमार्क में कोरोना संबंधी किसी भी तरह की पाबंदी नहीं होगी।अब ना तो लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा और ना ही उन्हें किसी तरह का हेल्थ पास देना होगा जिसमें वैक्सीन का,या ठीक होना का या नेगेटिव टेस्ट प्रमाण पत्र होना आवश्यक होता हैं इतना ही नहीं बड़े आयोजन भी बेरोकटोक होंगे और नाइट क्लब भी फिर शुरू हो जाएंगे।
जब डैनिश प्रधानमंत्री मैटी फ्रेडरिक्सन ने एक फरवरी को डेनमार्क में पाबंदियां हटाने का ऐलान किया तब उन्होंने कहा, “हम कोरोना वायरस को भगाने के लिए तैयार है, अब हम पाबंदियों को गुडबाय कहते हैं और पहले जैसे जीवन का स्वागत करते हैं” अब कोविड-19 डेनमार्क में सोशली क्रिटिकल यानि सामाजिक तौर पर नाजुक की श्रेणी में नहीं रह गया है। जिसकी वजह से सरकार को पाबंदियां लगानी पड़ी थीं।
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जनता की राय शुमारी बताती है कि सरकार के इस काम को डेनमार्क की जनता का भारी समर्थन मिल रहा है। पिछले साल सितंबर में ही डेनमार्कन ने इसी तरह की पाबंदियों को कम करने के प्रयास किया था, लेकिन तब नए संक्रमण की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण धीरे धीरे पाबंदियां फिर से लगानी पड़ी थीं।
हैरानी की बात है कि पिछले सप्ताह डेनमार्क में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से 33 से 47 हजार नए मामले रोज आए थे लेकिन तबस अस्पताल में भर्ती के मामले और मरने वालों की संख्याओं में एक तरह का स्थिरता आ गई थी और इंनेन्सिव केयरयूनिट मे मरीजों की संख्या भी गिरने लगी थी।