Muslim Marriage Act Assam: “कोई भी मुसलमान नहीं करता बाल विवाह का समर्थन”.. निकाह के कानून निरस्त होने पर सामने आई समाज की प्रतिक्रिया..

Muslim Marriage Act Assam: "कोई भी मुसलमान नहीं करता बाल-विबाह का समर्थन".. निकाह के कानून निरस्त होने पर सामने आई समाज की प्रतिक्रिया

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  • Publish Date - July 19, 2024 / 05:01 PM IST,
    Updated On - July 19, 2024 / 05:03 PM IST

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गुवाहाटी: भाजपा शासित राज्य असम में हिमंता सरकार ने मुसलामानों के निकाह से जुड़े कानूनों पर बड़ा फैसला लिया है। सरमा के अगुवाई वाली सरकार ने मुस्लिम मैरिज एक्ट को निरस्त कर दिया हैं। सरकार के मुख्य ने इसके पीछे बाल-विवाह जैसी सामजिक बुराइयों क रोकने का हवाला दिया है। वही अब फैसले पर मुस्लिम समाज की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

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Assam govt repeal Muslim Marriages and Divorce Registration Act

लखनऊ के ईदगाह के इमाम मौलाना शेख रशीद फिरंगी महली ने इस प्रकरण पर कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि कोई भी मुस्लिम संगठन बाल विवाह को बढ़ावा नहीं देता है। देश में पहले से ही एक कानून है कि न्यूनतम आयु 18 वर्ष है महिलाओं के लिए 21 और पुरुषों के लिए 21 वर्ष की आयु विवाह के लिए अनिवार्य है।

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Muslims Reaction on Assam Government Decision

शेख रशीद फिरंगी महली ने कहा, देश में पहले से ही शरीयत आवेदन अधिनियम है, महिला सुरक्षा अधिनियम भी है। ये अधिनियम केंद्र स्तर पर हैं। इसलिए, हमें लगता है कि राज्यों को इस पर अमल नहीं करना चाहिए। मेरा मानना ​​है कि मुसलमान बाल विवाह को बिल्कुल भी बढ़ावा नहीं देते हैं। इसलिए, समय-समय पर लगाए जाने वाले ऐसे सभी आरोप निराधार हैं।”

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