असम: कोकरझार के सांसद नबा सरानिया का नामांकन रद्द

असम: कोकरझार के सांसद नबा सरानिया का नामांकन रद्द

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  • Publish Date - April 21, 2024 / 07:53 PM IST,
    Updated On - April 21, 2024 / 07:53 PM IST

कोकराझार, 21 अप्रैल (भाषा) असम में लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे कोकराझार के सांसद नबा कुमार सरानिया का नामांकन पत्र रविवार को रद्द कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

निर्वाचन अधिकारी प्रदीप कुमार द्विवेदी ने संवाददाताओं को बताया कि सरानिया का नामांकन पत्र अवैध पाया गया और इसी कारण से इसे रद्द कर दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्नीस अप्रैल को आखिरी दिन तक दाखिल किए गए 16 नामांकन पत्रों में से 15 वैध पाए गए। जो उम्मीदवार अपना नामांकन वापस लेने के इच्छुक हैं, वे कल दोपहर तीन बजे तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।’’

कोकराझार निर्वाचन क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित) में सात मई को तीसरे चरण में मतदान होगा। प्राधिकरण ने इस सीट के लिए शनिवार को होने वाली जांच स्थगित कर दी थी।

तीसरे चरण में सात मई को कोकराझार के अलावा गुवाहाटी, बारपेटा और धुबरी में मतदान होगा। शेष तीन सीट के लिए मतपत्रों की जांच शनिवार को की गई और कुल मिलाकर 37 नामांकन वैध पाए गए।

गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) के प्रमुख सरानिया वर्ष 2014 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सरानिया ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी, जिसमें राज्य-स्तरीय जांच समिति द्वारा उनके अनुसूचित जनजाति (मैदानी) दर्जे को खत्म करने को चुनौती दी गई थी, लेकिन बृहस्पतिवार को इसे खारिज कर दिया गया था।

इसके बाद सांसद ने 18 नवंबर, 1986 को ‘ऑल असम ट्राइबल संघ’ की ओर से जारी एक प्रमाण-पत्र जमा करके रावा समुदाय के सदस्य के रूप में नामांकन दाखिल किया।

द्विवेदी ने कहा कि यह देखते हुए कि प्रमाणपत्र ‘बेहद संदिग्ध’ है, इसकी वास्तविकता के बारे में ‘गंभीर आशंकाएं’ उत्पन्न होती हैं।

आदेश में यह भी कहा गया है कि सरानिया ने कोकराझार सीट से बोरो-कछारी समुदाय का प्रमाण-पत्र पेश करके 2019 का लोकसभा चुनाव जीता था, जिसे हाल ही में राज्य-स्तरीय जांच समिति ने रद्द कर दिया था।

इसमें कहा गया है, ‘‘एक व्यक्ति दो अलग-अलग समुदायों से संबंधित नहीं हो सकता है और अलग-अलग समुदायों के दो अनुसूचित जनजाति (एसटी) प्रमाण-पत्र नहीं रख सकता है।’’

भाषा संतोष सुरेश

सुरेश