चंडीगढ़, 22 दिसंबर (भाषा) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने सोमवार को केंद्र सरकार से ‘वीबी-जी राम जी’ अधिनियम को वापस लेने की मांग की और कहा कि इससे गरीबों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तथा राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
बादल ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना को बहाल करने की भी मांग की।
अमृतसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बादल ने कहा कि मनरेगा 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देता है और यह पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित था।
वीबी-जी राम जी अधिनियम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए क्योंकि इसका गरीबों के जीवन पर सीधा असर पड़ेगा।’’
उन्होंने ग्रामीण रोजगार कानून से महात्मा गांधी का नाम हटाने के सरकार के फैसले की भी आलोचना की।
शिअद नेता ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी जी वह व्यक्ति थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। अगर कोई योजना उनके नाम पर चलाई जा रही है, तो उसमें कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।’’
बादल ने कहा कि नए कानून के तहत राज्यों को 40 प्रतिशत खर्च वहन करना होगा और इससे उन पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मौजूदा पंजाब सरकार योगदान देने में सक्षम नहीं होगी क्योंकि वह पहले से जारी केंद्रीय योजनाओं में ऐसा करने में ‘‘विफल’’ रही है।
अकाली दल के नेता ने भगवंत मान सरकार और पिछली कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधते हुए उन पर पंजाब की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाया।
उन्होंने पूछा कि अगर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार अपना हिस्सा नहीं देती है, तो योजना कैसे चलेगी?
बादल ने कहा, ‘‘यह नयी योजना देश के गरीबों पर भारी पड़ेगी। भारत सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए। सभी दलों को मिलकर इस नयी योजना का विरोध करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि अकाली दल स्पष्ट रूप से ऐसे किसी भी कदम को बर्दाश्त नहीं करेगा जिसका जनता पर असर पड़े।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह इस योजना को तुरंत वापस ले और पूर्व व्यवस्था को जारी रखे।’’
हाल ही में हुए जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों पर बादल ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करके उनकी शिअद पार्टी के उम्मीदवारों के नामांकन खारिज किए।
बादल ने दावा किया कि 100 जिला परिषदों में शिअद के उम्मीदवारों को खारिज कर दिया गया।
पंजाब में जिला परिषद पंचायत समिति चुनावों में ‘आप’ ने शानदार जीत दर्ज की। कांग्रेस दूसरे स्थान पर, शिअद तीसरे और भाजपा चौथे स्थान पर रही।
भाषा गोला मनीषा
मनीषा