Uttar Pradesh News/ Image Credit: IBC24 File Photo
उदयपुर: उदयपुर में एक युवक ने कथित तौर पर हिंदी फिल्म ‘दृश्यम’ की तर्ज पर एक बुजुर्ग महिला की हत्या की, उसके शव को जलाया और अवशेषों को झील में फेंक दिया। पुलिस ने सोमवार को यह दावा करते हुए बताया कि आरोपी को पकड़ लिया गया है। उदयपुर के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मनीष कुमार ने बताया कि आरोपी रमेश लोहार पांचवीं कक्षा के बाद स्कूल नहीं गया और उसे ‘क्राइम पेट्रोल’ जैसे अपराध केंद्रित शो देखना पसंद है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने महिला चांदी बाई (70) के गहने लेने के लिए उसे मारा। पुलिस के अनुसार, ढोली जाति की चांदी बाई नौ जनवरी को एक कार्यक्रम में ढोल बजा रही थी तो आरोपी ने उसे देखा। चांदी बाई ने चांदी और सोने के कई आभूषण पहने हुए थे। पुलिस ने बताया कि रमेश ने 22 फरवरी को चांदी बाई को एक कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के लिए 1,100 रुपये की पेशकश करके अपनी वैन में बैठाया। इसके बाद वह घंटों गाड़ी चलाता रहा और अधिकारियों को गुमराह करने के लिए अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया।
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कुमार ने बताया कि रात में आरोपी उसे एक सुनसान जगह पर ले गया और उसके सिर पर कई बार पेचकस से वार किया। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद आरोपी ने उसके आभूषण उतारे, उसका मोबाइल फोन बंद कर दिया और मोबाइल फोन के साथ उसका बैग पास के जंगल में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि इसके बाद रमेश डंपिंग यार्ड में गया, शव को मलबे से ढक दिया और यह सुनिश्चित करने के लिए उसमें आग लगा दी कि कोई निशान न बचे। आरोपी अगली सुबह महिला के अवशेषों को एकत्र करने के लिए डंपिंग यार्ड में दोबारा गया और उन्हें एकत्र करके झील में फेंक दिया। पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपी को लगता था कि फिल्म ‘दृश्यम’ की तरह अगर शव नहीं मिला तो वह पकड़ा नहीं जाएगा। हालांकि, अपराधी मात खा गया क्योंकि पुलिस को डंपिंग यार्ड में महिला की खोपड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े मिले थे। फोरेंसिक जांच के दौरान रमेश की वैन में खून के धब्बे और मानव बाल भी पाए गए। एएसपी कुमार ने बताया कि बाद में बालों के नमूनों का मिलान चांदी बाई के बिस्तर से लिए गए नमूनों से किया गया। यह मामला चांदी बाई के परिवार द्वारा उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराने के दो महीने बाद सामने आया। मामले में कोई प्रगति न होने से चिंतित चांदी बाई के रिश्तेदारों ने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया और आशंका जताई कि उसकी हत्या की गई होगी।
इसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच एएसपी को सौंप दी गई। जांच के दौरान कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने 22 फरवरी को एक वैन से चांदी बाई को जाते देखा था। जांचकर्ताओं को पता लगा कि वैन रमेश की थी। पुलिस ने बताया कि रमेश स्थानीय कृत्रिम आभूषण विक्रेता है और उसका आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘रमेश को पूछताछ के लिए लाया गया और शुरू में उसने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया। चांदी बाई के कॉल रिकॉर्ड के तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि उसके लापता होने के दिन दोनों एक ही स्थान पर थे।’ पुलिस को रमेश के ‘डिजिटल फुटप्रिंट’ मिलने पर एक बड़ी सफलता मिली, जिससे पता चला कि उसने गूगल पर ‘दृश्यम’ और ‘‘क्राइम शो’’ खोजे। एएसपी कुमार ने बताया कि आरोपी ने इंटरनेट पर ‘शरीर को सड़ने में कितना समय लगता है’ और ‘मोबाइल ट्रैकिंग के जरिए पुलिस अपराधियों को कैसे पकड़ती है’ जैसे सवाल भी खोजे थे। आरोपी की पत्नी ने भी पुष्टि की कि उसे अक्सर देर रात तक ‘क्राइम शो’ देखने की आदत थी।