Shikshak Bharti: होली से पहले सीएम ने खोला नौकरियों का पिटारा.. 10 हजार स्कूली शिक्षकों समेत इन पदों पर होगी भर्ती, विधानसभा में हुई घोषणा

Rajasthan Shikshak Bharti: होली से पहले सीएम ने खोला नौकरियों का पिटारा.. 10 हजार स्कूली शिक्षकों समेत इन पदों पर होगी भर्ती

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  • Publish Date - March 12, 2025 / 10:45 PM IST,
    Updated On - March 12, 2025 / 10:46 PM IST

MPPSC Food Safety Officer Recruitment 2025 Apply Online/ Image Credit: IBC24 File Image

HIGHLIGHTS
  • मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 10,000 स्कूली शिक्षकों की भर्ती घोषणा की
  • 4000 पटवारियों की भर्ती की घोषणाएं 
  • कांग्रेस सरकार में किए गए बड़ी परियोजनाओं के काम की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की घोषणा

Rajasthan Shikshak Bharti: जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज विधानसभा में 10,000 स्कूली शिक्षकों एवं 4000 पटवारियों की भर्ती समेत कई घोषणाएं की,जिसमें मुख्यमंत्री युवा रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत युवाओं को 10,000 रुपए की एकमुश्त सहायता राशि देना भी शामिल है।

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पीएम टर्नशिप योजना के तहत पैसे कमाने का मौका

सीएम भजनलाल  शर्मा विधानसभा में वित्त तथा विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के बजाय प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत काम करने के लिए 6,000 रुपये अर्जित करने का विकल्प दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पिछली कांग्रेस सरकार में किए गए बड़ी परियोजनाओं के काम की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की भी घोषणा की।

वित्त और विनियोग विधेयक पारित

विधानसभा ने वित्त और विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने यमुना जल को राजस्थान में लाने के लिए संयुक्त ‘डीपीआर’ तैयार करने के लिए कार्यबल का गठन किया है। ‘राइजिंग राजस्थान समिट’ में हुए करार के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘इस सम्मेलन में हुए समझौतों में से तीन लाख करोड़ रुपये के समझौते 30 मार्च तक क्रियान्वित हो जाएंगे।’’

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दो लाख 24 हजार करोड़ रुपये के समझौते क्रियान्वित

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के आखिरी दिनों में भी एक निवेशक सम्मेलन हुआ था, जिसमें 12.50 लाख करोड़ रुपये के करार हुए थे, जिनमें से केवल 30,000 करोड़ रुपये के समझौते ही क्रियान्वित हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपनी इस सम्मेलन में 35 लाख करोड़ रुपये के समझौते किए जिनमें से दो लाख 24 हजार करोड़ रुपये के समझौते क्रियान्वित हो चुके हैं। देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आरएसएस में काम करते हुए लोगों की तीन-चार पीढ़ियां गुजर जाती हैं। वे इस देश और समाज को दिशा देने के लिए निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं।’’

नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली ने किया पलटवार

सीएम ने कहा,‘‘अगर कोई देश और समाज की सेवा करने वाले ऐसे संगठन के बारे में ऐसी बातें कहता है, तो यह बहुत गलत है। दुनिया में ऐसा कोई संगठन नहीं है जो आरएसएस की बराबरी कर सके।’’ इससे पहले नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली ने राज्य सरकार पर आरएसएस के प्रभाव में नियमों में बदलाव करने का आरोप लगाया और संगठन को राजस्थान में भेदभाव मिटाने और दलितों के उत्थान की दिशा में वास्तविक काम करने की चुनौती दी।

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आरएसएस के इशारे पर बदले कई नियम

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि,‘‘आरएसएस के इशारे पर कई नियम बदले गए। मैं आज अपील करता हूं कि आज अगर आरएसएस में हिम्मत है तो वे अभियान चलाएं कि वे राजस्थान में छुआछूत को खत्म करेंगे और दलितों को आगे लाने के लिए काम करेंगे।’’ उनकी टिप्पणी से विधानसभा में थोड़ी देर के लिए हंगामा हुआ। विधानसभा में विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान जूली ने खाटू श्याम जी और गोविंद देव जी जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के विकास की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए आईफा पुरस्कारों पर 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने के फैसले को लेकर सरकार पर हमला किया।

गोल्डन पास बांटे जाने पर की निंदा

टीका राम जूली ने कार्यक्रम के लिए सात लाख रुपये के गोल्डन पास बांटे जाने की भी निंदा की और आरोप लगाया कि मंत्रियों को भी ये पास नहीं दिए गए। जूली ने कहा, ‘कोई भी बड़ा बॉलीवुड स्टार आइफा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ और वे जयपुर के किसी भी पर्यटक स्थल पर नहीं गए।’ उन्होंने कहा, ‘होली नजदीक आने के बावजूद दिवाली के लिए मिलने वाली पेंशन अब भी लंबित है। यह देरी गरीबों के प्रति सरकार की उदासीनता को दर्शाती है।’

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नेता प्रतिपक्ष जूली ने मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने गरीबों के लिए मुख्यमंत्री आवास के दरवाजे बंद कर दिए हैं, लेकिन कुछ ‘खास’ लोगों के लिए खुले हैं। सदन में चर्चा के बाद वित्त और विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधानसभा की कार्यवाही 19 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई।