कांग्रेस के अवैध प्रवासियों का ‘तुष्टीकरण’ करने से सत्र भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ: हिमंत

कांग्रेस के अवैध प्रवासियों का 'तुष्टीकरण' करने से सत्र भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ: हिमंत

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  • Publish Date - June 27, 2025 / 12:11 PM IST,
    Updated On - June 27, 2025 / 12:11 PM IST

गुवाहाटी, 27 जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा अवैध प्रवासियों के तुष्टीकरण के कारण राज्य में 13,000 बीघा (4,300 एकड़) से अधिक ‘सत्र’ (वैष्णव मठ) की भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ।

शर्मा ने इन वैष्णव मठों के लिए भूमि पुनः प्राप्त करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सत्तारूढ़ सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘कांग्रेस सरकार ने अपने अवैध आप्रवासी वोट बैंक को खुश करने के लिए स्वदेशी लोगों की भावनाओं को नजरअंदाज कर दिया, जिसके कारण 922 सत्र भूमियों पर अतिक्रमण हो गया।’

उन्होंने कहा कि प्रमुख जगहों पर हजारों बीघा सत्र भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, जिसमें बारपेटा में 7,137 बीघा (2,355.21 एकड़), नागांव में 2,583.79 बीघा (852.66 एकड़), बाजाली में 2,757.39 बीघा (909.94 एकड़) और लखीमपुर में 896.76 बीघा (295.94 एकड़) शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारा मिशन इन जमीनों को वापस पाने का है।’

शर्मा ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि सरकार राज्य भर में स्थित इन वैष्णव मठों के कल्याण के लिए एक स्थायी ‘सत्र आयोग’ स्थापित करेगी।

इन ऐतिहासिक संस्थाओं के मुद्दों का अध्ययन करने के लिए गठित अस्थायी सत्र आयोग की बैठक में शर्मा ने कहा कि आयोग का स्थायी निकाय सत्रों को स्थायित्व प्रदान करने के लिए काम करेगा।

भाषा योगेश वैभव

वैभव