ठाणे/मुंबई, 11 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर विवादास्पद मंत्रियों को बचाकर कुशासन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और मौजूदा शासन की तुलना मुगल काल से की।
भाजपा ने इस टिप्पणी की तीखी आलोचना की और सपकाल पर जनरल डायर के विचारों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया। जनरल डायर ने 1919 में अमृतसर में निहत्थे लोगों पर गोलियां चलवाई थीं।
भाजपा ने सपकाल को ‘मानसिक रूप से इटली का गुलाम’ भी करार दिया।
फडणवीस ने शुक्रवार को कहा था कि गैंगस्टर नीलेश घायवाल के भाई सचिन घायवाल को हथियार का लाइसेंस जारी नहीं किया गया, जिसके बाद सपकाल ने सरकार की यह आलोचना की।
ऐसा माना जा रहा है कि रोड रेज से जुड़ी गोलीबारी की एक घटना की पुणे पुलिस द्वारा की जा रही जांच के बीच सचिन घायवाल देश छोड़कर भाग गया है।
विपक्ष ने पुणे पुलिस की आपत्तियों के बावजूद सचिन घायवाल को कथित तौर पर हथियार लाइसेंस जारी करने का मुद्दा उठाया और गृह राज्य मंत्री योगेश कदम पर अनियमितताओं का आरोप लगाया।
सपकाल ने कल्याण में पुलिस उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना देने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, “मुख्यमंत्री गलत काम करने वाले मंत्रियों के नेता बन गए हैं और अराजकता का माहौल बना रहे हैं। ‘जो चाहो करो, फडणवीस तुम्हारे साथ हैं’, जैसे पहले मुगल थे, अब राज्य में फडणवीस शाही आ गई है।”
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारत के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई की ओर अदालत कक्ष में एक वकील द्वारा जूता उछालने की कोशिश और कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के कथित अपमान के खिलाफ प्रदर्शन किया।
सपकाल ने कहा, “जूते उछालने की कोशिश सर्वोच्च संस्था (उच्चतम न्यायालय) और संविधान का अपमान है।”
उन्होंने यह भी दोहराया कि राज्य सरकार को किसानों की कर्जमाफी करनी चाहिए।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने सपकाल की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता जनरल डायर के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं।
बान ने कहा, “जनरल डायर ने भारतीयों पर गोलियां चलाईं और उसी तरह, सपकाल अब अपने शब्दों के जरिए जहर फैला रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि भाजपा या फडणवीस जैसे राष्ट्रवादी नेताओं पर हमला करना देशभक्ति पर हमला है।
बान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “ऐसे लोग अब भी मानसिक रूप से इटली के गुलाम हैं। उनके दिमाग में हिंदुस्तान का विचार नहीं, बल्कि सिर्फ सोनिया गांधी का दरबार है।”
भाषा जितेंद्र रंजन
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