नयी दिल्ली, 13 मार्च (भाषा) कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संभल जिले के पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी के एक बयान का समर्थन करने के लिए बृहस्पतिवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि ‘विभाजनकारी मंसूबों’ को इस देश की तासीर कामयाब नहीं होने देगी।
आदित्यनाथ ने बीते शनिवार को संभल जिले के पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी के उस बयान का समर्थन किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि होली साल में एक बार आती है, जबकि जुमे की नमाज हर हफ्ते होती है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने होली की पूर्व संध्या पर एक वीडियो जारी कर कहा, ‘होली किसी एक रंग का नहीं बल्कि हर रंग और प्यार का त्यौहार है। ऐसे में एक निर्वाचित मुख्यमंत्री (आदित्यनाथ) द्वारा एक पुलिस अधिकारी की सड़क छाप सोच को बढ़ावा देना बेहद निंदनीय है।’
उन्होंने कहा कि होली और जुमे के बहाने सांप्रदायिक वैमनस्यता को बढ़ावा देने वालों को शायद पता नहीं कि बीते 25 सालों में 6 बार होली और जुम्मा एक साथ आए हैं, शांतिपूर्वक ढंग से मनाए गए हैं, मगर ऐसी कट्टर सोच पहली बार देखने को मिली है।
खेड़ा ने कहा कि मुग़लों से लेकर अंग्रेज़ों तक और पिछले 75 साल में हर बार होली बड़े उल्लास के साथ मनाई जाती रही है, लेकिन यह पहली बार हो रहा है कि हिंदुओं के स्वयंभू ठेकेदारों की सरकार में ही हिंदुओं का त्यौहार ख़तरे में आ गया।
उन्होंने सवाल किया, ‘यह कैसे हिंदुओं के ठेकेदार हैं और यह कैसी नकारा सरकार है? क्यों हमें अपने त्यौहारों पर मस्जिदों के सामने ही नाचना है?’
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस वाहियात सोच का हिंदू संस्कृति में कोई स्थान नहीं है।
उनके मुताबिक, ‘आज सरकार के अहमक अधिकारियों द्वारा होली पर मुसलमानों को घर से बाहर न निकलने की चेतावनी दी जा रही है, कल यही अहमक अधिकारी ईद पर हिंदुओं को घर से बाहर न निकलने की चेतावनी देंगे! यह क्या मज़ाक़ बना रखा है देश का? ‘
खेड़ा ने इस बात पर जोर दिया, ‘इनके इन विभाजनकारी मंसूबों को इस देश की तासीर कामयाब नहीं होने देगी। क्योंकि इस देश की सभ्यता और संस्कृति के हज़ारों साल के इतिहास में कई शासक आए और गए, मगर इस देश की सभ्यता और संस्कृति बनी रही, क्योंकि इस देश की तासीर ही इतनी मज़बूत है। ‘
उन्होंने कहा, ‘आप सब पूरे उत्साह से होली खेलें और किसी के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती न होने दें – वो महिलाएँ हों, हिंदू हों, मुसलमान हों या कोई भी हो। ‘
भाषा हक माधव नरेश
नरेश