कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया गया तो 6-8 सप्ताह में आ सकती है तीसरी लहर: एम्स प्रमुख

कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया गया तो 6-8 सप्ताह में आ सकती है तीसरी लहर: एम्स प्रमुख

कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया गया तो 6-8 सप्ताह में आ सकती है तीसरी लहर: एम्स प्रमुख
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: June 19, 2021 11:07 am IST

नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को चेतावनी दी कि यदि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया गया और भीड़-भाड़ नहीं रोकी गई तो अगले छह से आठ सप्ताह में वायरल संक्रमण की अगली लहर देश में दस्तक दे सकती है।

गुलेरिया ने कहा कि जब तक बड़ी संख्या में आबादी का टीकाकरण नहीं हो जाता, तब तक कोविड-उपयुक्त व्यवहार का आक्रामक तरीके से पालन करने की आवश्यकता है। उन्होंने संक्रमण के मामलों में बड़ी वृद्धि होने पर कड़ी निगरानी और क्षेत्र-विशेष में लॉकडाउन की आवश्यकता पर जोर दिया। गुलेरिया ने दोहराया कि अब तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि संक्रमण की अगली लहर में बच्चे अधिक प्रभावित होंगे।

इससे पहले, भारत के महामारी विज्ञानियों ने संकेत दिया था कि कोविड-19 की तीसरी लहर अपरिहार्य है और इसके सितंबर-अक्टूबर से शुरू होने की आशंका है।

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भारत अप्रैल और मई में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ था, जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई थीं और विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण संकट बढ़ गया था। हालांकि, अब संक्रमण के मामलों की संख्या में गिरावट देखी गई है और संक्रमण दर भी पिछले कई दिनों से घट रही है। कोविड-19 के प्रतिदिन सामने आने वाले मामले जो करीब चार लाख हो गए थे अब ये कम होकर 60,000 के आसपास हो गए हैं।

गुलेरिया ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यदि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया जाता है, तो तीसरी लहर छह से आठ सप्ताह में आ सकती है। हमें टीकाकरण होने तक एक और बड़ी लहर को रोकने के लिए आक्रामक तरीके से काम करने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि कोविड हॉटस्पॉट में आक्रामक निगरानी और संक्रमण के मामलों में अधिक वृद्धि होने पर लॉकडाउन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब भी किसी क्षेत्र विशेष में मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि होती है और संक्रमण दर 5 प्रतिशत से अधिक होती है, क्षेत्र विशेष लॉकडाउन और रोकथाम उपायों को लागू किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, आर्थिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर का लॉकडाउन (महामारी पर लगाम लगाने के लिए) समाधान नहीं हो सकता है।’’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में एक दिन में कोविड-19 के 60,753 नए मामले आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 2,98,23,546 हो गयी जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 7,60,019 हो गयी है जो 74 दिनों में सबसे कम है।

मंत्रालय द्वारा सुबह सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, 1,647 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 3,85,137 हो गयी है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 2.55 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर 96.16 प्रतिशत है।

भाषा. अमित पवनेश

पवनेश


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