नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) दिल्ली के मोहन गार्डन इलाके में एक कॉन्स्टेबल ने अपनी जान जोखिम में डालकर एक रिहायशी इमारत से जलते हुए रसोई गैस सिलेंडर को बाहर निकाला और दमकल विभाग के पहुंचने से पहले ही आग को बुझा दिया। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
द्वारका के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अंकित सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मोहन गार्डन इलाके की एक इमारत में आग लगने की सूचना मिलने के बाद स्थानीय पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को सतर्क किया गया था।
अधिकारी के अनुसार, जब पुलिस दल और दमकल वाहन घटनास्थल की ओर बढ़ रही थीं, तभी स्थानीय ‘बीट’ स्टाफ के कॉन्स्टेबल अनिल वहां पहुंचे। उन्होंने स्थिति का आकलन किया और देखा कि इमारत के अंदर फंसे निवासियों की जान को गंभीर खतरा है।
डीसीपी ने कहा, ‘अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए कॉन्स्टेबल ने तुरंत परिसर के भीतर जाने का जोखिमपूर्ण निर्णय लिया। उन्होंने जलते हुए गैस सिलेंडर को खींचकर बाहर निकाला और लपटों को शांत किया, जिससे आग को फैलने से रोका जा सका।’
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि स्थिति अत्यंत गंभीर थी और जरा सी भी देरी होने पर बड़ा विस्फोट हो सकता था, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता। डीसीपी ने कहा, ‘कॉन्स्टेबल ने अद्भुत सूझबूझ और अदम्य साहस का परिचय दिया। उनकी त्वरित कार्रवाई का ही परिणाम था कि स्थिति कुछ ही मिनटों में पूरी तरह नियंत्रण में आ गई।
पुलिस ने बताया कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है और निवासियों ने पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई के प्रति आभार व्यक्त किया है।
भाषा सुमित मनीषा
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