दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीएफआई नेता की हिरासत पैरोल की याचिका पर एनआईए से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीएफआई नेता की हिरासत पैरोल की याचिका पर एनआईए से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पीएफआई नेता की हिरासत पैरोल की याचिका पर एनआईए से जवाब मांगा
Modified Date: April 21, 2025 / 04:41 pm IST
Published Date: April 21, 2025 4:41 pm IST

नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नेता ओएमए सलाम की 15 दिनों की हिरासत पैरोल के अनुरोध वाली याचिका पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति रवींदर डुडेजा ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिवक्ता लिखित जवाब दाखिल करने के लिए समय मांग रहे हैं। शुक्रवार, 25 अप्रैल को सुनवाई होगी।’’

प्रतिबंधित संगठन और उसके सदस्यों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार सलाम ने बेटी के निधन के बाद के कार्यक्रम में शामिल होने के लिये केरल स्थित अपने गृहनगर में हिरासत में यात्रा करने की अनुमति मांगी थी।

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एजेंसी के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता की बेटी का एक साल पहले निधन हो गया था और वह विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे ।

सलाम ने सुनवाई अदालत के हालिया आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें उसे एक दिन और छह घंटे की हिरासत पैरोल दी गई थी।

हिरासत पैरोल के तहत कैदी को सशस्त्र पुलिसकर्मियों द्वारा मुलाकात के स्थान पर ले जाया जाता है।

सलाम की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि उनकी बेटी एक दुर्घटना में मर गई थी और उसे पुत्री की कब्र पर प्रार्थना समेत कुछ रीति-रिवाज करने थे।

उन्होंने कहा कि यह रीति-रिवाज 18 अप्रैल से शुरू होकर दो मई को समाप्त होने वाले थे और सलाम अपनी हिरासत पैरोल का खर्च वहन करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अंतरिम जमानत का सवाल नहीं है। एक दिन और छह घंटे समुचित समय नहीं है।’’

प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए एनआईए ने 2022 में इसके प्रमुख सलाम को गिरफ्तार किया था।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि पीएफआई और संगठन के सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के उद्देश्य से धन जुटाने के लिए आपराधिक साजिश रची और इसके लिए अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने वास्ते शिविर भी चलाए।

केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, दिल्ली और राजस्थान समेत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गिरफ्तारियां की गईं।

सरकार ने 28 सितंबर 2022 को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही उन पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया था।

भाषा रंजन माधव

माधव


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