गैर-भाजपा खेमे में मतभेद ‘परिवार की खटपट’, ममता के विचार बदलने के लिए काफी समय : मार्गरेट अल्वा

गैर-भाजपा खेमे में मतभेद ‘परिवार की खटपट’, ममता के विचार बदलने के लिए काफी समय : मार्गरेट अल्वा

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  • Publish Date - July 23, 2022 / 06:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

(संजीव चोपड़ा)

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने गैर-भाजपा खेमे में उपजे मतभेदों को ‘परिवार की खटपट’ करार देते हुए शनिवार को कहा कि विपक्षी दल 2024 की चुनौती के लिए एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि विपक्ष का रुख स्पष्ट है कि सिर्फ एक पार्टी का शासन की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए और संविधान की रक्षा करने एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं के संरक्षण की जरूरत है।

उप राष्ट्रपति चुनाव में अल्वा के सामने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया है।

पूर्व राज्यपाल 80 वर्षीय अल्वा ने कहा कि आज के लोकतंत्र की यह ‘त्रासदी’ है कि जनता द्वारा दिया गया जनादेश कायम नहीं रह पाता और धनबल, बाहुबल और धमकियों से निर्वाचन की रूपरेखा बदल जाती है।

संसद में चल रहे गतिरोध को लेकर अल्वा ने कहा कि यह सब हो रहा है क्योंकि आसन एक ऐसा समाधान निकालने में ‘असमर्थ’ है जहां विपक्ष की आवाज भी सुनी जाए।

उनका कहना था कि एक लोकतंत्र कैसे चल सकता है जब सरकार का यह नारा प्रतीत होता हो, ‘मेरे अनुसार चलो अन्यथा कोई रास्ता नहीं है।’’

वंशवादी राजनीति पर अल्वा ने कहा कि नेताओं के बच्चों का राजनीति में आने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन उन्हें चुनाव और लोगों का विश्वास जीतना होगा।

अल्वा ने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस के इस फैसले से हैरान हैं कि पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी।

उनका कहना है कि ममता बनर्जी विपक्ष को एकजुट करने के अभियान का नेतृत्व करती आ रही हैं।

अल्वा ने कहा, ‘‘ममता कभी भी भाजपा की जीत में मदद नहीं कर सकतीं। अपना विचार बदलने के लिए ममता के पास पर्याप्त समय है।’’

भाषा हक हक माधव

माधव