'Don't attend Surya Namaskar programmes: Muslim children, govt withdraws 'guidelines'

‘सूर्य नमस्कार के कार्यक्रमों में शामिल न हों मुस्लिम बच्चे, सरकार ‘दिशानिर्देश’ वापस ले’- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

'Don't attend Surya Namaskar programmes: Muslim children, govt withdraws 'guidelines' ‘सूर्य नमस्कार के कार्यक्रमों में शामिल न हों मुस्लिम बच्चे, सरकार ‘दिशानिर्देश’ वापस ले’

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : January 4, 2022/4:02 pm IST

नई दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार को कहा कि सूर्य नमस्कार के कार्यक्रमों में मुस्लिम समुदाय के बच्चों को शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि सूर्य की उपासना करना इस्लाम धर्म के मुताबिक सही नहीं है। पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने यह भी कहा कि सरकार को इससे जुड़ा ‘दिशानिर्देश’ वापस लेकर देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का सम्मान करना चाहिए।

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मौलाना रहमानी ने एक बयान में कहा, ‘‘ भारत एक धर्मनिरपेक्ष, बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक देश है। इन्हीं सिद्धान्तों के आधार पर हमारा संविधान बनाया गया है। संविधान हमें इसकी अनुमति नहीं देता है कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में किसी धर्म विशेष की शिक्षाएं दी जाएं या किसी विशेष समूह की मान्यताओं के आधार पर समारोह आयोजित किये जाएं।’’

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उन्होंने दावा किया, ‘‘यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान सरकार इस सिद्धांत से भटक रही है और देश के सभी वर्गों पर बहुसंख्यक समुदाय की सोच और परंपरा को थोपने का प्रयास कर रही है।’’ रहमानी के अनुसार, ‘‘भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने 75वें स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर 30 राज्यों में सूर्य नमस्कार की एक परियोजना चलाने का निर्णय किया है, जिसमें 30 हज़ार स्कूलों को पहले चरण में शामिल किया जाएगा। 1 जनवरी से 7 फरवरी 2022 तक के लिए यह कार्यक्रम प्रस्तावित है और 26 जनवरी को सूर्य नमस्कार पर एक संगीत कार्यक्रम की भी योजना है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘सूर्य नमस्कार सूर्य की पूजा का एक रूप है, इस्लाम और देश के अन्य अल्पसंख्यक न तो सूर्य को देवता मानते हैं और न ही उसकी उपासना को सही मानते हैं। इसलिए सरकार का यह कर्तव्य है कि वह ऐसे निर्देशों को वापस ले और देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का सम्मान करे। हां, यदि सरकार चाहे तो देश-प्रेम की भावना को उभारने हेतु बच्चों से राष्ट्रगान पढ़वाए।’’ मौलाना रह़मानी ने कहा कि मुस्लिम बच्चों के लिए सूर्य नमस्कार जैसे कार्यक्रमों में सम्मिलित होने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं है और इससे बचना आवश्यक है।

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गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय ने 16 दिसंबर, 2021 के अपने एक पत्र के माध्यम से कहा है कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के बैनर तले ‘राष्ट्रीय योगासन खेल परिसंघ’ ने फैसला किया है कि एक जनवरी से सात फरवरी, 2022 तक 75 करोड़ सूर्य नमस्कार की परियोजना चलाई जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि 26 जनवरी, 2022 को सूर्य नमस्कार पर संगीत कार्यक्रम की योजना भी है।