India China Conflicts in Tawang: ‘ड्रैगन’ की पहले से थी भारत पर हमले की तैयारी, सैनिकों ने ऐसे फेरा चीन के मंसूबों पर पानी

dragon was already preparing to attack Tawang in India: 'ड्रैगन' की पहले से थी भारत पर हमले की तैयारी, सैनिकों ने ऐसे फेरा चीन के मंसूबों पर पानी

  •  
  • Publish Date - December 13, 2022 / 05:46 AM IST,
    Updated On - December 13, 2022 / 06:07 AM IST

नयी दिल्ली : India China Conflicts in Tawang : भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’ भारतीय सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी। पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील क्षेत्र में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।

भारतीय थलसेना ने एक बयान में कहा, ‘‘पीएलए के सैनिकों के साथ तवांग सेक्टर में एलएसी पर नौ दिसंबर को झड़प हुई। हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों का दृढ़ता के साथ सामना किया। इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं।’’ इसने कहा, ‘‘दोनों पक्ष तत्काल क्षेत्र से पीछे हट गए। इसके बाद हमारे कमांडर ने स्थापित तंत्रों के अनुरूप शांति बहाल करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ ‘फ्लैग बैठक’ की।’’

Read More : Vastu Tips For Wealth: घर में दुर्भाग्य लाते हैं ये तीन पौधे, रूठ जाती है मां लक्ष्मी, छा जाती है गरीबी

सेना के बयान में झड़प में शामिल सैनिकों और घटना में घायल हुए सैनिकों की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया। इसने कहा कि तवांग सेक्टर में एलएसी पर क्षेत्रों को लेकर दोनों पक्षों की ‘अलग-अलग धारणा’ है। सेना ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी से सटे अपने दावे वाले कुछ क्षेत्रों में दोनों पक्ष गश्त करते हैं। यह सिलसिला 2006 से जारी है।’’

India China Conflicts in Tawang : माना जाता है कि झड़प में घायल हुए चीनी सैनिकों की संख्या काफी अधिक हो सकती है। पूर्वी लद्दाख में रिनचेन ला के पास अगस्त 2020 के बाद से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प है। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले साल अक्टूबर में भी यांग्त्से के पास एक संक्षिप्त टकराव हुआ था और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद इसे सुलझा लिया गया था।

Read More : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों पर निकली बंपर भर्ती, अंतिम तिथि से पहले कर लें आवेदन

जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी। दोनों पक्षों ने एलएसी पर धीरे-धीरे हजारों सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी। पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद, भारतीय सेना ने पूर्वी थिएटर में एलएसी पर अपनी अभियानगत क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है। पूर्वी थिएटर में बड़े पैमाने पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी से लगते सीमावर्ती क्षेत्र शामिल हैं तथा सीमांत क्षेत्रों में तवांग और उत्तरी सिक्किम क्षेत्र सहित कई संवेदनशील अग्रिम स्थान हैं।

सैन्य अधिकारियों ने कहा कि सेना ने एक प्रभावी निगरानी तंत्र स्थापित किया है और पिछले दो वर्षों में क्षेत्रों की समग्र निगरानी में काफी सुधार हुआ है। सितंबर में, सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने कहा था कि भारतीय सेना एलएसी पर पीएलए की गतिविधियों की लगातार निगरानी कर रही है और किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। गौरतलब है कि पांच मई, 2020 को शुरू हुए पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद भारत लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी के निकट बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी ला रहा है।

पहले से थी हमले की तैयारी

India China Conflicts in Tawang : मिली जानकारी के अनुसार चीन सैनिक भारतीय पोस्ट पर हमले की 15 दिन से तैयारी कर रहे थे। जिसके बाद सोमवार को वे अपने तय रणनीति के अनुसार ही 7 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचे थे। लेकिन भारतीय सैनिकों के आगे उनकी एक भी नहीं चली। उनकी सभी चालबाजी धरी रह गई और भारतीय सैनिकों ने ड्रैगन के मंसूबे नाकाम कर दिए और खदेड़ दिया।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें