निर्वाचन आयोग ने टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल से कहा: मतदान के लिए आधार अनिवार्य नहीं

निर्वाचन आयोग ने टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल से कहा: मतदान के लिए आधार अनिवार्य नहीं

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  • Publish Date - February 26, 2024 / 07:00 PM IST,
    Updated On - February 26, 2024 / 07:00 PM IST

नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) निर्वाचन आयोग ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल से कहा कि आधार कार्ड नहीं होने पर मतदाताओं को उनके मताधिकार का प्रयोग करने से नहीं रोका जाएगा।

उसने यह भी कहा कि मतदाता अपना मतदाता पहचान पत्र या कोई अन्य निर्दिष्ट पहचान दस्तावेज दिखाकर मतदान कर सकेंगे।

पश्चिम बंगाल में कई आधार कार्ड के निष्प्रभावी होने पर टीएमसी नेताओं द्वारा चिंता जताए जाने के बाद निर्वाचन आयोग ने यह आश्वासन दिया।

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय, डोला सेन और साकेत गोखले और लोकसभा सदस्य, प्रतिमा मंडल और सजदा अहमद सहित टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार से मुलाकात की और आधार कार्ड के कथित तौर पर निष्प्रभावी होने से जुड़ा मुद्दा उठाया।

इस मुलाकात के बाद राय ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना ‘‘हजारों लोगों’’ के आधार कार्ड को निष्प्रभावी कर दिए जाने या रद्द किए जाने पर अपनी चिंता आयोग के सामने रखी।

उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने आश्वासन दिया है कि अगर किसी व्यक्ति के पास आधार नहीं है, तो भी उन्हें अन्य वैध दस्तावेजों के साथ मतदान करने की अनुमति दी जाएगी।’’

टीएमसी ने खर्च की निगरानी के लिए जिला खुफिया समितियों के गठन का मुद्दा भी उठाया।

पार्टी द्वारा सौंपे गए एक ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘आयोग ने वित्तीय दृष्टिकारण से संवेदनशील क्षेत्रों के लिए जिला खुफिया समितियां बनाने का फैसला किया है। इन समितियों में राज्य और केंद्रीय दोनों एजेंसियों के सदस्य होंगे, जिनमें पुलिस, आयकर विभाग, उत्पाद शुल्क, जीएसटी और ईडी के अधिकारी शामिल होंगे। यह पहली बार है कि ऐसी समिति बनाई गई है।’’

राय ने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि यह पूरे देश में किया जा रहा है और राज्य एजेंसियां ​​भी समिति का हिस्सा होंगी।

बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर के चोपड़ा में बीएसएफ के नाला विस्तार कार्य के दौरान चार बच्चों की मौत का मामला उठाया और निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि राज्य में तैनात केंद्रीय बल अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर कार्य करें।

भाषा हक

हक दिलीप

दिलीप