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नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) गोवा के ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब के सह-मालिकों गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को मंगलवार को थाईलैंड से प्रत्यर्पित कर दिया गया तथा दिल्ली में उतरते ही दिल्ली और गोवा पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इस नाइटक्लब में भीषण आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी।
उत्तरी गोवा के अरपोरा में ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में आग लगने के 10 दिन बाद, दोनों भाई इंडिगो की उड़ान से दिल्ली लाए गए और उन्हें आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए तुरंत अधिकारियों के हवाले कर दिया गया।
गौरव (44) और सौरभ (40) को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा, जहां गोवा पुलिस उनकी ‘ट्रांजिट रिमांड’ का अनुरोध करेगी।
बैंकॉक से लूथरा बंधुओं पर नजर रखे एक टीवी रिपोर्टर ने विमान के अंदर वीडियो बनाने की कोशिश की, जिसके बाद विमानन कंपनी और साथ आए सुरक्षा अधिकारियों को दोनों को वहां से निकालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल बुलाना पड़ा।
छह दिसंबर की घटना के बाद लूथरा बंधुओं के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं। जांचकर्ताओं का आरोप है कि नाइटक्लब द्वारा अनिवार्य अग्नि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के कारण यह घटना और भी गंभीर हो गई। इस घटना ने प्रबंधन द्वारा कथित अग्नि सुरक्षा उल्लंघनों और चूक पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
गौरव और सौरभ अपने नाइटक्लब में आग लगने के कुछ घंटों बाद, सात दिसंबर को तड़के फुकेत भाग गए, जिसके चलते इंटरपोल का ‘ब्लू कॉर्नर’ नोटिस जारी किया गया और उनके पासपोर्ट रद्द कर दिए।
भारत सरकार के अनुरोध के बाद 11 दिसंबर को थाईलैंड के अधिकारियों ने फुकेत में दोनों को हिरासत में ले लिया। भारत सरकार ने दोनों देशों के बीच कानूनी संधियों के तहत उन्हें निर्वासित करने के लिए थाईलैंड के अधिकारियों के साथ समन्वय किया।
दिल्ली की एक अदालत ने 11 दिसंबर को ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वंदना ने लूथरा बंधुओं के खिलाफ लगे आरोपों को ‘प्रथम दृष्टया गंभीर’ बताया और उनके ‘आचरण’ की कड़ी आलोचना की।
अदालत ने पुलिस जांच पर गौर किया कि लूथरा बंधुओं ने आग लगने के एक घंटे बाद फुकेट के लिए टिकट बुक कर लिए थे। शुरुआत में इस तथ्य को उनके वकील ने गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध करते समय छिपाया था। न्यायाधीश ने कहा कि घटना के तुरंत बाद वहां से चले जाना ‘कानूनी प्रक्रिया से बचने’ का स्पष्ट प्रयास था।
भाषा आशीष सिम्मी
सिम्मी