bankrupt
bankrupt: नई दिल्ली। घाटे में चल रही पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को बंद करने के लिए सरकार दिवालिया प्रक्रिया अपनाने पर विचार कर रही है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, केंद्र ने पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को देश की दिवाला अदालत में जाने पर विचार करने के लिए कहा है। बता दें कि यह खबर ऐसे समय में आई है जब सरकार लगातार पब्लिक सेक्टर की कंपनियों से अपनी हिस्सेदारी कम कर रही है।
तीन महीने के भीतर करें आवेदन
घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को दिवाला के तहत आवेदन दाखिल करना होगा। सरकार की ओर से इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के दिशा-निर्देशों के मुताबिक शीर्ष कैबिनेट मंत्रियों की एक समिति से अनुमोदन के तीन महीने के भीतर आवेदन देना होगा।
क्या है नियम?
bankrupt: नियमों के मुताबिक सरकार द्वारा संचालित कंपनियां भी कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय से संपर्क करके अपनी इकाइयों को बंद करने का विकल्प चुन सकती हैं। यह कदम केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को कम करने की मुहिम का हिस्सा है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, घाटे में चल रही मूल कंपनियों के बोर्ड को उनकी सहायक कंपनियों की भूमि संपत्तियों को अलग करने के लिए भी कहा गया है। दरअसल, बीते कुछ समय से कंपनियों की दिवालिया प्रक्रिया या बिक्री में भूमि विवाद एक बड़ी मुसीबत रही है। यही वजह है कि कंपनियों को यह निर्देश दिया गया है।