Defaulter Government Employees: इन कर्मचारियों की अब खैर नहीं! अगले महीने से होगा ताबड़तोड़ एक्शन, सरकार ने तैयार की सूची

इन कर्मचारियों की अब खैर नहीं! अगले महीने से होगा ताबड़तोड़ एक्शन, Government will Take Strict Action Against Defaulter Government Employees

  •  
  • Publish Date - June 26, 2025 / 07:22 PM IST,
    Updated On - June 26, 2025 / 07:22 PM IST
HIGHLIGHTS
  • जुलाई 2025 से डिफॉल्टर कर्मचारियों की वेतन/पेंशन से सीधी कटौती शुरू।
  • IHRMS और IFMS सिस्टम से बैंक खातों में ऑटोमेटिक रिकवरी की व्यवस्था।
  • नो-ड्यूज सर्टिफिकेट रिटायरमेंट के समय अनिवार्य होगा।

चंडीगढ़ः Defaulter Government Employees: सरकार उन सरकारी कर्मचारियों पर एक्शन लेने की तैयारी कर रही है, जिन्होंने कोऑपरेटिव बैंकों से कर्ज ले लिया और उसे जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों की संख्या सैकड़ों में है। ये कर्मचारी कोऑपरेटिव बैंकों से विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये का कर्ज़ ले रखा है। इनमें से कई वर्षों से डिफॉल्टर हैं, न तो कर्ज़ चुकाते हैं और न ही बैंकों से सहयोग करते हैं। अब सरकार इस रवैये पर लगाम लगाने की दिशा में ठोस कदम उठा ते हुए वसूली की तैयारी कर रही है। वित्त विभाग ने इसके लिए सभी विभागों का एक निर्देश पत्र जारी कर दिया है।

Read More : CG Police Transfer: पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, एक साथ 15 निरीक्षकों का ​स्थानांतरण, बदले गए कई थाना प्रभारी…देखें सूची

Defaulter Government Employees: रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब सरकार इन कर्मचारियों पर सख्ती की तैयारी कर रही है। जिन कर्मचारियों ने कर्ज़ लिया है लेकिन चुकाया नहीं, उनकी बकाया राशि को सीधे उनकी वेतन, पेंशन या रिटायरमेंट लाभ से काटा जाएगा। इसके लिए सहकारी विभाग और कोऑपरेटिव बैंक डिफॉल्टर कर्मचारियों की सूची डायरेक्टोरेट और लेखा विभाग को भेजने की तैयारी कर रहे हैं। बैंक अपने रिकवरी खातों को IHRMS (इंटीग्रेटेड ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम) और IFMS (इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) में दर्ज करवाएंगे ताकि संबंधित अधिकारी वेतन से रकम काटकर ईसीएस के जरिए सीधे बैंक खाते में जमा कर सकें।

Read More : Gwalior-Bengaluru Express: अब ग्वालियर से बेंगलुरु जाना हुआ और भी आसान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिखाई ग्वालियर-बेंगलुरु एक्सप्रेस को हरी झंडी 

इसके अलावा इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे जो वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तालमेल बनाए रखेंगे। यदि कोई कर्मचारी एकमुश्त राशि जमा करता है तो बैंक “नो-ड्यूज सर्टिफिकेट” जारी करेगा, जो रिटायरमेंट के समय अनिवार्य होगा। डीडीओ (Drawing and Disbursing Officer) हर महीने रिकवरी की रिपोर्ट बैंक को भेजेंगे। बैंक कर्मचारियों के IHRMS कोड को सॉफ्टवेयर में अपडेट करेंगे ताकि रिकवरी सही खातों में दर्ज हो सके। रिकवरी रिपोर्ट चार श्रेणियों में तैयार की जाएगी और डिफॉल्टर कर्मचारियों की तनख्वाह में ऑटोमेटिक कटौती लागू की जाएगी। इसकी प्रक्रिया अगले यानी जुलाई महीने से शुरू हो जाएगी।

कौन-कौन से कर्मचारी इस एक्शन की जद में आएंगे?

वे सभी सरकारी कर्मचारी जिन्होंने कोऑपरेटिव बैंकों से कर्ज़ लिया है और समय पर भुगतान नहीं किया है, इस कार्रवाई के दायरे में आएंगे।

रिकवरी की प्रक्रिया कैसे की जाएगी?

बकाया राशि को कर्मचारियों के वेतन, पेंशन या अन्य लाभों से IHRMS और IFMS सिस्टम के ज़रिए सीधे काटकर संबंधित बैंक खातों में जमा किया जाएगा।

क्या कर्मचारी एकमुश्त भुगतान कर सकते हैं?

हां, कर्मचारी एकमुश्त राशि का भुगतान करके "नो-ड्यूज सर्टिफिकेट" प्राप्त कर सकते हैं, जो रिटायरमेंट के समय आवश्यक होगा।

इस प्रक्रिया की निगरानी कौन करेगा?

इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, जो विभागीय तालमेल और मॉनिटरिंग का काम करेंगे।

यदि वेतन से कटौती होती है तो क्या कर्मचारी को सूचना दी जाएगी?

हां, डीडीओ (Drawing and Disbursing Officer) हर महीने रिकवरी की रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिससे कर्मचारियों को भी कटौती की जानकारी मिलेगी।