चंडीगढ़, 23 सितंबर (भाषा) पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार लंबित ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) पर उच्चतम न्यायालय से अपनी याचिका वापस ले लेगी, बशर्ते कि राज्यपाल इसे (कोष को) केंद्र से जारी करा दे।
चीमा, राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने (पुरोहित ने) कहा था कि राज्य सरकार की याचिका पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना उपयुक्त होगा।
मुख्यमंत्री मान ने बृहस्पतिवार को लिखे पत्र में राज्य सरकार को 5,637.40 करोड़ रुपये के लंबित आरडीएफ का मुद्दा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के समक्ष उठाने को कहा था।
राज्य सरकार ने आरडीएफ मुद्दे पर जुलाई में उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।
राज्यपाल के इस बयान पर कि राज्य का ऋण आम आदमी पार्टी शासन के तहत 50,000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया, चीमा ने उनसे ऋण के बारे में बात नहीं करने को कहा क्योंकि यह पूर्ववर्ती सरकारों के समय का है।
आरडीएफ मुद्दे पर राज्यपाल के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने कोष जारी करने के लिए केंद्र सरकार को कई बार पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की और इसकी मांग की। लेकिन केंद्र से कोई जवाब नहीं मिलने पर पंजाब सरकार उच्चतम न्यायालय का रुख करने के लिए मजबूर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि राज्यपाल केंद्र सरकार से बात करते हैं और आरडीएफ प्राप्त कर लेते हैं, तब पंजाब सरकार अपनी याचिका उच्चतम न्यायालय से वापस ले लेगी।’’
चीमा ने कहा कि राज्य सरकार को पूर्ववर्ती सरकारों के समय के करीब तीन लाख करोड़ रुपये के ऋण पर करोड़ों रुपये ब्याज के रूप में अदा करना पड़ रहा है।
भाषा सुभाष पवनेश
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