पेगासस से नहीं अब लोगो को ‘हर्मिट स्पाइवेयर’ से है खतरा, जानिए कैसे करता है ये लोगो की जासूसी… ?

Hermit spyware it spying on people : पेगासस से नहीं अब लोगो को 'हर्मिट स्पाइवेयर' से है खतरा, जानिए कैसे करता है ये लोगो की जासूसी... ?

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  • Publish Date - June 20, 2022 / 02:18 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

Hermit Spyware : नई दिल्ली। नई दिल्ली। पेगासस का मामला अभी शांत हुआ ही था कि एक नई मुसीबत दे दी। दरअसल, एक नए सॉफ्टवेयर ने सरकार की नींदे उड़ा दी हैं। इसका नाम ‘हर्मिट स्पाइवेयर’ है। हर्मिट स्पाइवेयर का इस्तेमाल सरकार लोगो पर नजर रखने की इस्तेमाल करती है। इसके निशाने पर कई सरकारी अधिकारी बिजनेसमैन, ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट, जर्नलिस्ट, पॉलिटिकल लीडर और एजुकेशन सेक्टर से जुड़े लोग हैं। आईये जानते हैं क्या है पूरा मामला?

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हाई प्रोफइल लोगो की कर रहा है जासूसी

पेगासस विवादों में आने के बाद सरकार ने इस से दूरिया बना ली थी। जिसके बाद अब एक नए स्पाइवेयर को स्पॉट किया गया है। जो की पेगासस की तरह ही खतरनाक बताया जा रहा है। पेगासस का मामला इतना विवादित हो चूका था कि इसे लेकर सड़क से लेकर संसद में हो-हल्ला मच चूका है। हालांकि सरकार को इस मामले में अभी तक क्लीन चिट नहीं मिली है। इसी बीच एक और नया जासूसी करने वाला सॉफ्टवेयर चर्चा में आ गया है। जसिका नाम ‘हर्मिट स्पाइवेयर’ बताया जा रहा है। इसके निशाने पर सरकारी अधिकारी, बिजनेसमैन, ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट, जर्नलिस्ट, पॉलिटिकल लीडर और एजुकेशन सेक्टर से जुड़े लोग हैं।

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सिर्फ एंड्राइड में किया गया स्पॉट

हर्मिट स्पाइवेयर, सीरिया और इटली में भी लोगो पर नज़र रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। रिपोर्टस के अनुसार स्पाइवेयर को SMS के जरिये लोगो के मोबाइल फोन में इंस्टाल किया जाता है फिर ये एक तरह के फिशिंग अटैक की तरह काम करता है। यह अभी तक सिर्फ एंड्राइड में स्पॉट किया गया है, IOS में नहीं। इस स्पाइवेयर का पता लगाने वाले रिसर्चर ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि उनके एनालिसिस के आधार पर हर्मिट स्पाइवेयर को इटली स्पाइवेयर वेंडर RCS लैब और Tykelab Srl ने तैयार किया है।

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कैसे करता है ये लोगो की जासूसी… ?

एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक यह एक मॉड्यूलर स्पाइवेयर है जो यूजर के फ़ोन में डाउनलोड होने के बाद अपना काम करना शुरू कर देता है। SMS के जरिए टारगेट मोबाइल में इस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया जाता है, फिर ये फिशिंग अटैक करना शुरू कर देता है। बता दें यह सॉफ्टवेयर ऑडियो रिकॉर्ड कर सकता है, कॉल कर सकता है और उसे रिडायरेक्ट कर सकता है। यह यह कॉल लॉग, डिवाइस की लोकेशन और SMS का डाटा कलेक्शन कर सकता है, और आपकी निजी जानकारी इकठ्ठा कर आपको खतरे में भी दाल सकता है।

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