Agneepath Scheme: नई दिल्ली। देशभर में केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर बवाल मचा हुआ है। छात्रों और युवाओं में सरकार की इस योजना को लेकर बहुत आक्रोश है। 14 जून को लांच की गई इस योजना को लेकर युवा सड़क पर उतर आएं हैं। इस विरोध की आग देश के कई राज्यों में जल रही है। बीतें दिनों बिहार, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में युवाओं ने 14 रेलगाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया है। इतना ही नहीं कई जगहों पर रेलवे के दफ्तरों में तोड़फोड़ की गई। इसके कारण शनिवार को करीब 300 ट्रेनें रद्द की गईं।
इस मामले को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, नेताओं के बीच बयानबाजी भी चल ही रही है। इन्हीं सब के बीच लगातार दो दिनों से यानी बीते कल और आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी तीनों सेनाओं के प्रमुखों से भी बात की। देश की स्थिति को देखते हुए रविवार को तीनों सेनाओं के आला अधिकारियों ने इसे लेकर एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अग्निवीरों की भर्ती से जुड़े सभी सवालों के उत्तर दिए। इस प्रेस कांफ्रेंस में सात अहम सवाल और उन पर सेना के जवाब हम आपके सामने रख रहे हैं। अग्निपथ योजना अगर सोच-समझकर लाई गई तो सरकार नए एलान क्यों कर रही है।
“ये रिफॉर्म लंबे समय से पेंडिंग था। साल 1989 में ये काम शुरू हुआ था। हमारी तमन्ना थी कि ये काम शुरू हो, लेकिन उसके और भी कई सारे पहलू थे। वो चाहते थे कि कमांडिंग ऑफ़िसर की उम्र कम हो। टीथ-टू-टेल रेशियो कम हो।
एक-एक करके काम शुरू किया गया। कमांडिंग ऑफ़िसर की उम्र कम की गई, जो हमारी टीथ-टू-टेल रेशियो है, उसे कम किया गया। उसके बाद कारगिल रिव्यू कमेटी के अंदर अरुण सिंह कमेटी ने कहा कि एक सीडीएस का गठन होना चाहिए, वो काम हुआ। उसी चीज़ को आगे ले जाते हुए हमने जो अगला रिफॉर्म था, वो था कि किसी तरह से हमारी सेना की जो औसत उम्र आज 32 साल है, उसे किस तरह से 26 साल लाया जाए।
साल 2030 तक हमारे देश की 50 फ़ीसदी आबादी 25 साल से कम होगी। इसकी स्टडी की गई। पहले दोनों साल हमारे तीनों चीफ़ और जनरल रावत और कई लोगों के बीच इस पर चर्चा हुई कि इसके क्या-क्या तरीके हो सकते हैं।
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“ये मत सोचिएगा कि कुछ हरकतों आगजनी की घटनाओं के कारण ये फ़ैसला लिया गया है। ऐसा नहीं है। ये पहले से तय था।” इसकी योजना पहले से थी और ऐसा इसलिए था क्योंकि ये 75 फ़ीसदी जो युवक हैं, सेना में चार साल रहने के बाद देश में वापस जाएंगे। ये देश की ताक़त हैं।
इसकी योजना पहले से तय थी कि कितने प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा क्योंकि ये 75 फ़ीसदी अग्निवीर देश की ताक़त होंगे। इसीलिए उन्हें आयु सीमा में भी छूट देने का फ़ैसला किया गया है।”
“बारहवीं क्लास के लोगों को हम ले सकते थे लेकिन हमारा काम थोड़ा जोख़िम का है। आप देखते हैं कि जब भी युद्ध हुए हैं। आपकी भी आंखें भर जाती होंगी। जब आप देखते हैं कि शव नीचे आते हैं तो आपका दिल पिघल जाता होगा।
ये काम थोड़ा अलग किस्म का है। इस काम को मद्देनज़र रखते हुए हमने देखा कि इसकी न्यूनतम उम्र साढ़े 17 साल तो अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष तय की गई।
इसमें कोई तब्दीली नहीं की गई है। 21 साल की अधिकतम आयु सीमा में बदलाव किया गया है, वो इसलिए कि पिछले दो साल में कोविड की वजह से भर्ती नहीं हुई थी।”
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“अगले चार से पांच साल में हमारी इनटेक 50 से 60 हज़ार होगी। 50-60 हज़ार के बाद क्या होगा। ये इनटेक 90 हज़ार से लेकर 1।25 लाख तक होगी।
ये केवल 46 हज़ार नहीं रहेगी। ऐसा हमने इसलिए किया है कम से शुरू करना चाहिए और फिर मीडियम पर जाना चाहिए ताकि हमें भी इस स्कीम को चलाने के बाद सीखने को मिले कि इसमें दिक्कतें क्या हैं।”
“अग्निवीरों की भर्ती की अधिकतम आयु सीमा को 21 साल से बढ़ाकर 23 साल उन्हीं नौजवानों के लिए किया गया है जिन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में भाग लिया था लेकिन उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। सबसे ज़रूरी स्टेज है- एंट्रेंस एग़्ज़ाम। उन्होंने एंट्रेंस एग़्ज़ाम में हिस्सा नहीं लिया था।
उनकी वजह से दो साल और मौका दिया जा रहा है क्योंकि दो साल में उनकी उम्र बढ़ गई है। ताकि वे लोग हमारे साथ अग्निवीर योजना में जुड़ सकें। वे अग्निवीर के तौर पर ही आएंगे, उनसे पूछा जाएगा कि वे आना चाहेंगे या नहीं। उन्हें इसके लिए वेबसाइट पर अप्लाई करना होगा।
अब सभी रिक्रूटमेंट अग्निवीर योजना के जरिए ही होगी। आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। जो योग्य हैं, वे एक बार फिर इस सिस्टम में अप्लाई करेंगे। मेडिकल कंडीशन के लिहाज से दो साल एक लंबी अवधि होती है। उनकी एक बार फिर स्क्रीनिंग होगी और पूरी प्रक्रिया फिर से होगी और उसके बाद ही एयरफोर्स में चयन हो सकेगा।”
“केवल अग्निवीर योजना के जरिए ही नियुक्तियां होंगी।”
“अग्निपथ योजना वापस नहीं ली जाएगी। इसे क्यों वापस लिया जाना चाहिए। ये देश को और युवा बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। मैं आपको उदाहरण देता हूं।
आपको पता है कि दुरूह क्षेत्रों से कितने लोग हताहत होते हैं। आप पढ़िएगा तब आपको पता चलेगा कि नौजवान लोग क्यों ज़रूरी है। मुझे लगता है कि आपको ये कोशिश करनी चाहिए बिलकुल रोलबैक न हो।”
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