मंगलुरु, 29 मई (भाषा) नाटकीय घटनाक्रम में दक्षिण कन्नड़ जिले में कांग्रेस पार्टी के कई मुस्लिम नेताओं ने बृहस्पतिवार को बोलर के शादी महल में आयोजित एक आपातकालीन बैठक के दौरान पार्टी के पदों से इस्तीफा देने की घोषणा की।
यह कदम जिले में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति के विरोध में उठाया गया है तथा उनका आरोप है कि सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में विफल रही है।
यह निर्णय बंटवाल तालुका में 32 वर्षीय व्यक्ति की हत्या की पृष्ठभूमि में लिया गया है।
पीड़ित अब्दुल रहमान और उनके 29 वर्षीय सहकर्मी कलंदर शफी मंगलवार को बजरी उतार रहे थे, तभी मोटरसाइकिल सवार दो युवकों ने उन पर तलवार से हमला कर दिया।
रहमान की मौत हो गई, जबकि शफी का इलाज किया जा रहा है। रहमान का कत्ल सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील दक्षिण कन्नड़ जिले में एक मई को हिंदू कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्या के कुछ समय बाद किया गया है।
इस्तीफा देने वालों में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राज्य महासचिव एम एस मोहम्मद और जिला उपाध्यक्ष के अब्दुल रऊफ प्रमुख हैं।
बैठक के दौरान जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के भारी दबाव के बाद मंच से ही इस्तीफों की घोषणा कर दी गई।
नेताओं ने राज्य के गृह विभाग पर क्षेत्र में हत्याओं की बढ़ती घटनाओं को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया तथा जिले में मुसलमानों को लगातार हाशिए पर डाले जाने पर असंतोष व्यक्त किया।
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शाह-उल-हमीद ने बैठक में बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। हालांकि,हमीद ने कहा, ‘हम अपने इस्तीफे के फैसले से पीछे नहीं हट रहे हैं,’ और उन्होंने तत्काल कांग्रेस जिला अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा की।
फिर उनका अनुसरण करते हुए, कांग्रेस नेता अब्दुल रऊफ और एम एस मोहम्मद ने भी अपने अपने पदों से इस्तीफे देने का ऐलान किया।
बताया जा रहा है कि बूथ स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के कांग्रेस अल्पसंख्यक शाखा के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेताओं ने आरोप लगाया कि उनकी बार-बार की अपील के बावजूद राज्य सरकार की कथित निष्क्रियता ने पार्टी में असंतोष को बढ़ावा दिया है और पार्टी के अल्पसंख्यक विंग के भीतर एक व्यापक संकट को जन्म दिया है।
भाषा, इन्दु नोमान
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