भारत, ईयू ने अगले महीने तक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी करने की अपनी महत्वाकांक्षा दोहराई

भारत, ईयू ने अगले महीने तक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी करने की अपनी महत्वाकांक्षा दोहराई

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  • Publish Date - November 25, 2025 / 10:24 PM IST,
    Updated On - November 25, 2025 / 10:24 PM IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने इस वर्ष के अंत तक बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत पूरी करने की अपनी साझा महत्वाकांक्षा दोहराई और एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

दोनों पक्षों ने संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर भी जोर दिया और अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के अनुसार यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत और 27 देशों के इस समूह ने ‘गाजा के लिए शांति योजना’ के प्रति अपना समर्थन दोहराया तथा वहां शीघ्र शांति एवं स्थिरता बहाल करने की आवश्यकता पर बल दिया।

ये मुद्दे क्रमशः 18 और 19 नवंबर को ब्रसेल्स में आयोजित 11वीं भारत-यूरोपीय संघ विदेश नीति एवं सुरक्षा परामर्श तथा छठी सामरिक साझेदारी समीक्षा बैठक में चर्चा के लिए रखे गए।

यह विचार-विमर्श जनवरी में होने वाले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन से पहले हुआ।

विदेश मंत्रालय (एमईए) और यूरोपीय संघ ने मंगलवार को एक संयुक्त मीडिया बयान में दोनों बैठकों का विवरण साझा किया।

इसमें कहा गया है कि चर्चा में आर्थिक सुरक्षा, लचीली आपूर्ति शृंखला, व्यापार और निवेश, ग्लोबल गेटवे, भारत-ईयू संपर्क साझेदारी और भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) सहित कई विषयों पर विचार विमर्श हुआ।

बयान के अनुसार, नवाचार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई।

बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों पक्षों ने इस वर्ष के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी करने और निवेश संरक्षण समझौते तथा भौगोलिक संकेतकों पर समझौते पर बातचीत में तेजी लाने की साझा महत्वाकांक्षा की पुष्टि की।’’

यूरोपीय संघ और भारत ने वैश्विक मामलों पर अपनी साझेदारी के परिप्रेक्ष्यों पर भी चर्चा की, जिसमें बहुपक्षीय प्रणाली में सहयोग बढ़ाना और मानवीय एवं आपदा-प्रतिरोधक मुद्दों पर सहयोग शामिल है।

संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, ‘‘उन्होंने 2026 में भारत की आगामी ब्रिक्स अध्यक्षता का उल्लेख किया और वैश्विक मुद्दों के सम्मिलन के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा की, जिन पर आगे और विचार किया जाना आवश्यक है।’’

इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष सीमा-पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि वे भारत-यूरोपीय संघ मानवाधिकार वार्ता के अगले संस्करण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

दोनों पक्षों ने अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के अनुसार यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

उन्होंने गाजा के लिए शांति योजना के प्रति अपना समर्थन दोहराया और शांति एवं स्थिरता की शीघ्र बहाली की आवश्यकता पर बल दिया।

भाषा

सुरेश दिलीप

दिलीप