नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा के दौरान तेजी से बढ़ती भारत-अमेरिका रणनीतिक भागीदारी में द्विपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने के तरीकों पर प्रमुखता से बात की। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
नौसेना प्रमुख ने 25वीं अंतरराष्ट्रीय समुद्र शक्ति संगोष्ठी (आईएसएस) में भाग लेने के लिए 19 से 22 सितंबर तक अमेरिका की यात्रा की।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, ‘‘नौसेना प्रमुख की अमेरिका यात्रा से द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने के साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विविध साझेदारों के साथ भागीदारी के लिए नौसेना के उच्च स्तर पर बातचीत करने का महत्वपूर्ण अवसर मिला।’’
अमेरिकी नौसेना ने मुक्त एवं नियम आधारित हिंद-प्रशांत के साझा दृष्टिकोण की ओर काम करने के लिए एक समान विचारधारा वाली नौसेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से न्यूपोर्ट के रोड आइलैंड में ‘यूएस नेवल वॉर कॉलेज’ में आईएसएस की मेजबानी की थी।
एडमिरल कुमार ने आईएसएस में भाग लेने के इतर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, फिजी, इजराइल, इटली, जापान, केन्या, पेरू, सऊदी अरब, सिंगापुर और ब्रिटेन समेत विभिन्न देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
मधवाल ने कहा, ‘‘यात्रा के दौरान व्यापक बातचीत मुक्त, खुले एवं समावेशी हिंद-प्रशांत के दृष्टिकोण को साकार करने की ओर भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’
इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच मालाबार, ‘सी ड्रैगन’, ‘रिम ऑफ द पैसिफिक एक्सरसाइज’ (आरआईएमपीएसी) और ‘टाइगर ट्रायम्फ’ जैसे द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय अभ्यासों में वृहद संचालनात्मक भागीदारी तलाशने पर भी व्यापक विचार-विमर्श किया गया।
आरआईएमपीएसी को सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समुद्री युद्धाभ्यास में से एक माना जाता है। इसका आयोजन अमेरिकी नौसेना की हिंद-प्रशांत कमान करती है।
मधवाल के अनुसार, आईएसएस में एडमिरल कुमार ने मानव संसाधन प्रबंधन की चुनौतियों के बारे में बात की जिसमें प्रशिक्षित कर्मियों की भर्ती और अग्निपथ योजना के जरिए इनसे निपटने की ओर भारत की योजनाओं का खास जिक्र किया गया।
पिछले कुछ वर्षों में भारत-अमेरिका रक्षा संबंध मजबूत हुए हैं।
भाषा गोला देवेंद्र
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