JEE Advanced 2022
जयपुर : JEE Fake Topper : कुछ दिनों पहले ही JEE परीक्षा परिणाम की घोषणा की गई थी। परिणाम घोषित होने के बाद राजस्थान के जयपुर से एक चौकाने वाली खबर निकलकर सामने आई है। यहां एक किशोर ने JEE एडवांस में टॉप करने की बात कहकर 3 दिन तक मीडिया और स्कूल मैनेजमेंट की अटेंशन पाई, लेकिन जब मामले का खुलासा हुआ तो सब दांग रह गए। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
JEE Fake Topper : दरअसल, जब उस किशोर कि मार्कशीट का मिलान किया गया तो पता चला इस नाम का तो कोई छात्र पूरी लिस्ट में ही नहीं है। इसके बाद जब स्कूल मैनेजमेंट और मीडिया ने उससे सख्ती से पूछताछ की तब जाकर राज खुलकर सामने आया। पता चला उसने तो परीक्षा दी ही नहीं वह फर्जी मार्कशीट बनवा कर पहले स्कूल आया और बाद में स्कूल वालों ने बड़े मीडिया हाउसेज में इस खबर का प्रकाशन करवाया। किशोर की उम्र 18 वर्ष से कम है इसलिए उसका नाम और पहचान जारी नहीं की गई है ।
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JEE Fake Topper : 17 साल के इस किशोर ने लोगों को बताया कि उसने JEE एडवांस में ऑल इंडिया में 23 वी रैंक हासिल की है। उसने परिवार को भी यह सूचना भेजी थी । उसने मीडिया और स्कूल मैनेजमेंट को बताया कि उसने सेल्फ स्टडी की और एग्जाम टॉप कर लिया। शहर के टॉप 3 में शामिल विद्याश्रम स्कूल का यह छात्र जब स्कूल पहुंचा और प्रिंसिपल प्रतिमा शर्मा को इसकी जानकारी दी तो प्रिंसिपल और मैनेजमेंट की बांछें खिल गई।
JEE Fake Topper : उन्होंने तुरंत मीडिया को इसकी सूचना दी। मीडिया की टीम वहां पहुंची और छात्र का इंटरव्यू किया। उसने बताया कि वह 23 वी रैंक पर है। उसने अपनी मार्कशीट और अन्य दस्तावेज भी दिखाए। स्कूल की तरफ से जारी किए गए इन तमाम दस्तावेज को मीडिया ने सही माना और उसका प्रकाशन भी उचित तरीके से किया। लेकिन अगले ही दिन यानी मंगलवार शाम तक पता लग गया कि वह छात्र फर्जी निकला। उसके परिजनों ने स्कूल मैनेजमेंट से माफी मांगी और स्कूल मैनेजमेंट ने मीडिया को माफीनामा भेजा।
JEE Fake Topper : प्रिंसिपल प्रतिमा शर्मा ने बताया कि जिस छात्र की बात की जा रही है उसने खुद को टॉप 25 में बताया। प्रिंसिपल ने बताया कि जिस छात्र की जेईई मेंस में तीन लाख 45 हजार के करीब रैंक थी, वह एडवांस जेइइ में एलिजिबल ही नहीं था । उसने मार्कशीट में बदलाव किए और अन्य दस्तावेज भी फर्जी बनाएं। प्रिंसिपल का कहना है कि उसके परिजन भी इस बात से अनजान है। उसने पढ़ाई के नाम पर घर से पैसा भी लिया है।
JEE Fake Topper : इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मनोचिकित्सक अनिल तांबी का कहना है कि परिवार को अपने बच्चों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। असफलता हैंडल करना बच्चों को सिखाना चाहिए। असफलता पर डांट फटकार की जगह उचित तरीके से उन्हें समझाना चाहिए। उधर स्कूल प्रबंधन ने बच्चे का लैपटॉप और अन्य दस्तावेज जप्त कर लिए हैं। बच्चे के परिजनों द्वारा माफी मांगने पर फिलहाल कानूनी कार्यवाही नहीं की जा रही है ।