नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एस.वी.एन. भट्टी ने बुधवार को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में प्राथमिकी रद्द करने की तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।
मामला जैसे ही सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी की पीठ के सामने आया, न्यायमूर्ति भट्टी ने कहा, ‘‘मेरे सहयोगी को इस मामले की सुनवाई में थोड़ी कठिनाई है। हम इसे अगले सप्ताह किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दे रहे हैं।’’
नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उन्हें तत्काल सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख करने की अनुमति दी जाए।
इस पर पीठ ने कहा, ‘‘आप ऐसा कर सकते हैं।’’
नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अगर पीठ मामले की सुनवाई नहीं कर रही है, तो इसे अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने का निर्देश दे सकती है।
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि पीठ इसे किसी विशिष्ट तारीख पर सूचीबद्ध करने का निर्देश नहीं दे सकती, लेकिन अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने का आदेश दे सकती है।
नायडू ने कौशल विकास निगम में कथित घोटाले के संबंध में उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की याचिका खारिज करने के आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए 23 सितंबर को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।
उच्च न्यायालय ने पिछले शुक्रवार को उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
भाषा
शफीक नरेश
नरेश