Karwa Chauth 2025/Image Source: IBC24
Karwa Chauth 2025: दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में गुरुवार रात करवा चौथ का चांद नजर आ गया। चांद के दीदार के साथ ही देशभर की सुहागनों ने व्रत खोलना शुरू कर दिया और अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना की। करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में वैवाहिक प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
Karva Chauth 2025:
▶️हर्ष उल्सास के साथ मनाया जा रहा करवाचौथ।
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इस दिन सुहागन महिलाएं सूर्योदय से पूर्व संकल्प लेकर निर्जला व्रत रखती हैं और दिनभर बिना अन्न-जल ग्रहण किए उपवास करती हैं। यह व्रत तब तक पूरा नहीं होता जब तक चांद को देखा न जाए और चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित न किया जाए। इस बार चांद ने सुहागनों को थोड़ी देर तक इंतजार जरूर करवाया, लेकिन जैसे ही चंद्रमा का दीदार हुआ, महिलाएं थाली, चलनी और दीपक लेकर छतों और आंगनों में उमड़ पड़ीं। परंपरा के अनुसार पहले चलनी से चंद्रमा को देखा गया फिर उसी चलनी से पति का चेहरा निहारा गया। इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोला गया।
असम में करवा चौथ पर महिलाओं ने चांद दिखने का इंतजार करते हुए मनाया जश्न… #Assam | #KarwaChauth2025 | #KarwaChauth pic.twitter.com/SOfK0tFkz3
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Karwa Chauth 2025: इस अवसर पर महिलाओं ने चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की और अखंड सौभाग्य की कामना की। घरों में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पूजन हुआ, जिसमें भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और चौथ माता की पूजा का विशेष महत्व होता है। धार्मिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष करवा चौथ पर पूजन का शुभ मुहूर्त संध्या काल में शाम 5 बजकर 56 मिनट से लेकर 7 बजकर 10 मिनट तक रहा। हालांकि जो महिलाएं किसी कारणवश समय पर पूजा नहीं कर पाईं वे अभी भी विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना कर सकती हैं।