Karwa Chauth 2025: देखो चांद नजर आया… करवा चौथ पर खूब कराया इंतजार, आखिरकार सुहागनों को मिला दीदार, व्रत खोलते ही झूम उठीं महिलाएं

Karwa Chauth 2025: देखो चांद नजर आया... करवा चौथ पर खूब कराया इंतजार, आखिरकार सुहागनों को मिला दीदार, व्रत खोलते ही झूम उठीं महिलाएं

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  • Publish Date - October 10, 2025 / 09:00 PM IST,
    Updated On - October 10, 2025 / 09:00 PM IST

Karwa Chauth 2025/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • करवा चौथ पर चांद ने दी दस्तक,
  • छलनी से देखा चांद और पति का चेहरा,
  • करवा चौथ का चांद देशभर में आया नजर,

Karwa Chauth 2025: दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में गुरुवार रात करवा चौथ का चांद नजर आ गया। चांद के दीदार के साथ ही देशभर की सुहागनों ने व्रत खोलना शुरू कर दिया और अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना की। करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में वैवाहिक प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।

इस दिन सुहागन महिलाएं सूर्योदय से पूर्व संकल्प लेकर निर्जला व्रत रखती हैं और दिनभर बिना अन्न-जल ग्रहण किए उपवास करती हैं। यह व्रत तब तक पूरा नहीं होता जब तक चांद को देखा न जाए और चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित न किया जाए। इस बार चांद ने सुहागनों को थोड़ी देर तक इंतजार जरूर करवाया, लेकिन जैसे ही चंद्रमा का दीदार हुआ, महिलाएं थाली, चलनी और दीपक लेकर छतों और आंगनों में उमड़ पड़ीं। परंपरा के अनुसार पहले चलनी से चंद्रमा को देखा गया फिर उसी चलनी से पति का चेहरा निहारा गया। इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोला गया।

Karwa Chauth 2025: इस अवसर पर महिलाओं ने चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की और अखंड सौभाग्य की कामना की। घरों में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पूजन हुआ, जिसमें भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और चौथ माता की पूजा का विशेष महत्व होता है। धार्मिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष करवा चौथ पर पूजन का शुभ मुहूर्त संध्या काल में शाम 5 बजकर 56 मिनट से लेकर 7 बजकर 10 मिनट तक रहा। हालांकि जो महिलाएं किसी कारणवश समय पर पूजा नहीं कर पाईं वे अभी भी विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना कर सकती हैं।

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करवा चौथ पर "चांद कब दिखाई देता है" और व्रत खोलने का सही समय क्या होता है?

"चांद कब दिखाई देता है" यह हर शहर में अलग-अलग समय पर होता है। 2025 में दिल्ली-एनसीआर में चांद रात लगभग 8 बजे के बाद दिखाई दिया। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला गया।

अगर करवा चौथ के "शुभ मुहूर्त" में पूजा न कर पाएं तो क्या करें?

यदि महिलाएं किसी कारण से समय पर पूजा नहीं कर पाईं, तो वे चांद देखने के बाद पूरे श्रद्धा और विधि से पूजा-अर्चना कर सकती हैं। व्रत की भावना और श्रद्धा सबसे महत्वपूर्ण होती है।

करवा चौथ की "पूजा विधि" में किन देवताओं की पूजा की जाती है?

करवा चौथ की पूजा में भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और चौथ माता की विशेष पूजा की जाती है। महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं।