खरगे ने कांग्रेस नेताओं को अनुशासन की नसीहत दी, एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया

खरगे ने कांग्रेस नेताओं को अनुशासन की नसीहत दी, एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया

खरगे ने कांग्रेस नेताओं को अनुशासन की नसीहत दी, एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया
Modified Date: September 17, 2023 / 12:29 pm IST
Published Date: September 17, 2023 12:29 pm IST

(तस्वीरों के साथ जारी)

हैदराबाद, 17 सितंबर (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को पार्टी नेताओं से अनुशासन एवं एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने नेताओं से कहा कि वे अपने व्यक्तिगत मतभेदों को दूर रखकर कांग्रेस की सफलता को प्राथमिकता दें और ऐसा कुछ नहीं करें, जिससे पार्टी को नुकसान हो।

खरगे ने पार्टी की विस्तारित कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस नेताओं से आगामी चुनावों के लिए तैयार रहने की अपील करते हुए कहा कि देश में बदलाव के संकेत हैं और कर्नाटक एवं हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजे इस बात का प्रमाण हैं।

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खरगे ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उसने अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए इस विषय पर समिति बनाई, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दी।

उन्होंने विस्तारित कार्य समिति की बैठक में कहा, ‘‘यह आराम से बैठने का समय नहीं है। दिन-रात मेहनत करनी होगी। हम सभी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते है, पर हमें हमेशा अनुशासन में ही रहना चाहिए।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं का आह्वान किया, ‘‘यह ध्यान रखें कि हम अहं या अपनी वाहवाही के लिए ऐसा कुछ न करें, जिससे पार्टी का नुकसान हो जाए। अनुशासन के बगैर कोई नेता नहीं बनता। हम खुद अनुशासन में रहेंगे, तभी लोग हमारा अनुकरण करेंगे, हमारी बात मानेंगे।’’

उन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के हैदराबाद में ही 1953 में दिए उस वक्तव्य का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने अनुशासन की भावना पर जोर दिया था।

खरगे ने कहा, ‘‘कर्नाटक में हम एकजुट रहे, जिसका नतीजा सबने देखा।’’

उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि केंद्र की ‘तानाशाह सरकार’ को सत्ता से हटाने के लिए पूरी ताकत झोंकनी होगी।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार जनता के मूलभूत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए, नये-नये मसले लाकर ध्यान भटकाने की राजनीति करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘जिन राज्यों में हमारी सरकारें हैं, उनके अच्छे कामों को प्रचारित करना है। हमें यह भी बताना है कि केंद्र सरकार कैसे हमारी सरकारों की प्रगति में रोड़े डालती है। जहां हम विपक्ष में हैं, वहां हमें सत्तारूढ़ दल की खामियों और जनविरोधी नीतियों को बेनकाब करना है।’’

भाषा

हक पारुल

पारुल


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