Kullu Dussehra Controversy. Image Source- Viral Video Grab
कुल्लूः Kullu Dussehra Controversy: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू दशहरे में बड़ा बवाल देखने को मिला। यहां देवता के अपमान को लेकर तहसीलदार की पिटाई कर दी गई। बताया जा रहा है कि तहसीलदार बिना जूते उतारे एक देवता के अस्थायी शिविर में प्रवेश कर गए थे। इसी को लेकर उनके अनुयायियों के उनकी पिटाई कर दी। इतना ही नहीं भीड़ उन्हें अस्थाई शिविर तक ले गई और इस दौरान उनके कपड़े भी फट गए। इस घटना के बाद कुल्लू में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो भी जमकर वायरल हो रहा है।
Kullu Dussehra Controversy: दरअसल, बुधवार को जब अधिकतर देवी-देवता ढालपुर मैदान स्थित अपने अस्थायी शिविरों में पहुंच गए थे, तभी एक तहसीलदार देवता भृगु ऋषि के शिविर में पहुंचे। देवलुओं (देवता के अनुयायियों) के अनुसार, अधिकारी ने पारंपरिक नियमों का पालन नहीं किया और जूते पहनकर ही शिविर में प्रवेश कर गए। इस पर देवता भृगु ऋषि ने “गूर” (वह व्यक्ति जिसके माध्यम से देवता अपनी इच्छा व्यक्त करते हैं) के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर की, जिससे देवलुओं का गुस्सा भी भड़क उठा। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि गुस्साई भीड़ तहसीलदार को मेला कमेटी कार्यालय से देवता के अस्थायी शिविर तक ले जा रही है। मौके पर मौजूद नीणू के देवता नारद मुनि और आशणी के देवता भृगु ऋषि के समक्ष तहसीलदार को माफी मांगनी पड़ी, जिसके बाद ही माहौल शांत हुआ।
ये साहब कुल्लू के तहसीलदार हैं, इन्होंने देवता के बारे में कुछ अपशब्द कहे, इसके बाद जनता का गुस्सा फूट पड़ा, और जनता इन्हें इनके ऑफिस खींच कर देवता के पास ले जा रही, माफी मंगवाने को, यह पूरे देश में होना चाहिए, कोई भी व्यक्ति देवताओं को गाली नहीं दे सकता pic.twitter.com/ERFAK15SOr
— Nitin Shukla 🇮🇳 (@nshuklain) October 3, 2025
बंजार से भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी ने इस पूरे विवाद पर तहसीलदार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि, “2023 में भी इन्हीं तहसीलदार ने 18 देवी-देवताओं के तंबुओं को उखाड़ा था। ये लगातार दो साल से देव परंपरा और श्रद्धालुओं का अपमान कर रहे हैं। शौरी ने कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर ऐसे अधिकारी को कुल्लू में क्यों तैनात किया गया। उन्होंने बताया कि विधानसभा में तहसीलदार के खिलाफ प्रिवलेज मोशन भी दायर किया गया है। कुल्लू दशहरा में सुरक्षा के लिए 1200 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन घटना के दौरान एक भी पुलिसकर्मी मौके पर नहीं दिखा। यही वजह है कि अब पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।