फिर होगा कर्जमाफी का ऐलान, कमर्शियल बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों का कर्ज होगा माफ, इस राज्य की सरकार कर रही तैयारी

कमर्शियल बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों का कर्ज होगा माफ! Loan waiver for farmers who have taken loans from commercial banks

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  • Publish Date - February 17, 2022 / 05:07 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

जयपुर: Loan waiver for farmers प्रदेश में पहली बार कृषि बजट पेश किया जाएगा। राज्य सरकार कृषि बजट के जरिए किसानों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि सरकार इस बार छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की तर्ज पर किसानों की कर्जमाफी करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सर​कार 2500 करोड़ रुपए का प्रावधान करेगी। सबसे अहम बात ये है कि सरकार के इस प्रावधान से ऐसे किसानों को फायदा होगा, जिन्होंने कमर्शियल बैंकों से कर्ज लिया और चुका नहीं पा रहे हैं।

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Loan waiver for farmers बता दें कि प्रदेश सरकार ने पहले ही सहकारी बैंक से कर्ज लिए किसानों को 14,000 करोड़ की करने की बात कही है। इस बात का वादा राजस्थान सरकार ने अपनी पार्टी के मेनिफेस्टो में भी किया था। हालांकि, कमर्शियल बैंकों से लिए गए फसल ऋण पर किसानों को राहत देने की बात अभी पेंन्डिंग है।बताया जा रहा है कि सरकार किसानों को बड़ी राहत देने के मूड में है। योजना विभाग, राज्य सरकार की तरफ से विभिन्न बैकों से को-ऑर्डिनेट करने में जुटा हुआ है। किसानों द्वारा कमर्शियल बैंकों से लिए गये कुल कर्ज की रिपोर्ट भी वित्त विभाग को दी गई है। यह कर्ज माफी 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा की हो सकती है।

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अधिकारी ने बताया कि अभी हाल ही में जब कमर्शियल बैंकों द्वारा प्रदेश के कर्जदार किसानों की जमीन कुर्क करने का मामला सामने आया था तब राज्य सरकार ने आदेश जारी कर इस कुर्की को रोकने के लिए कहा था। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रेवेन्यु विभाग से जुड़े अधिकारियों को कहा है कि वो सभी जिलों में जमीन कुर्क किये जाने से संबंधित रिपोर्ट जुटाएं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 9,000 किसानों को नोटिस दिया गया था जबकि जमीन कुर्क करने की प्रक्रिया 1.11 लाख से ज्यादा किसानों के खिलाफ चल रही थी।

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अधिकारी ने बताया कि कमर्शियल बैंकों ने 3 लाख किसानों के करीब 6,018 करोड़ के लोन को बैंकों ने एनपीए घोषित कर दिया है। हाल ही में स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के साथ बैठक और राजस्थान स्टेट लेवल लोन सेमिनार में सीएम ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों को पार्टनशीप में कर्ज माफी का ऑफर दिया था। इस ऑफर में कहा गया था कि सरकार एनपीए बन चुके लोन का सरकार 10 फीसदी देगी जबकि 90 फीसदी बैंक देंगे। बैंकों ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। कहा जा रहा है कि गहलोत सरकार किसानों को लेकर किये गए अपने वादों को अधूरा रहने देकर 2023 के राज्य विधानसभा में नहीं जाना चाहती है। यहीं वजह है कि वो कमर्शियल बैंकों से लिये गये ऋण को चुकाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है।

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बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आयोग में कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं, बिना कृषि के कोई भी देश विकास नहीं कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 2022 से किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी लेकिन वो ऐसा कर पाने में सफल नहीं हो सके। हमने अलग से कृषि बजट पेश करने की तरफ कदम बढ़ाया है। इसके जरिए हम इस बात पर फोकस करेंगे कि कैसे किसानों की आय बढ़ाई जाए, फूड प्रोसेसिंग यूनिट कैसे बनाया जाए। बहरहाल किसानों को लेकर गहलोत सरकार द्वारा उठाए गये इस कदम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राजनीतिक विश्लेषक मनीष गोधा ने कहा कि सरकार के इस प्रयास से 2-3 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा। बजट बड़ा है लेकिन सरकार की छवि से ज्यादा कीमती नहीं। दिसंबर 2023 में राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे। गहलोत सरकार अपना वादा पूरा करने और किसानों की कर्ज माफी को लेकर हर संभव प्रयास करेगी। ताकि वो अपनी सरकार की छवि किसान-फ्रेंडली बना सके।

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