UP Madarsa Board Result 2025/ Image Credit: IBC24 File
देहरादूनः Ram Katha in Madarsa 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा किए जाने के बाद पूरा देश राममय हो चुका है। हिंदू ही नहीं मुस्लिम समुदाय के भी लोग भगवान राम की भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा के दिन भी कई ऐसी तस्वीरें सामने आई थी जिसमें मुस्लिम सहित अन्य समुदाय के लोग रामलला का स्वागत करते हुए नजर आए थे। इसी बीच खबर रही है कि अब मदरसों में भी भगवान राम की कहानी पढ़ाई जाएगी। रामलला की कथा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
Ram Katha in Madarsa दरअसल वक्फ बोर्ड देहरादून के अध्यक्ष शादाब शम्स ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए बड़ा बयान दियया है। शादाब शम्स ने कहा कि छात्रों को पैगंबर मोहम्मद के साथ-साथ भगवान राम के जीवन की कहानी भी पढ़ाई जाएगी। अनुभवी मुस्लिम मौलवियों ने भी इस कदम को मंजूरी दे दी है। बता दें कि शादाब शम्स एक भाजपा नेता भी हैं। उन्होंने कह कि श्री राम द्वारा दर्शाए गए मूल्य सभी के लिए अनुसरण करने योग्य हैं, चाहे उनका धर्म या आस्था कुछ भी हो।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के अंतर्गत 117 मदरसे हैं और उक्त आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू में देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों के मदरसों में शुरू किया जाएगा। शम्स ने कहा कि इस साल मार्च से हमारे मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में वक्फ बोर्ड से संबद्ध मदरसों में श्री राम का अध्ययन शुरू किया जाएगा। कोई ऐसा व्यक्ति जिसने अपने पिता की प्रतिबद्धता निभाने में मदद करने के लिए राजगद्दी छोड़ दी और जंगल में चला गया! कौन नहीं चाहेगा कि उसे श्री राम जैसा पुत्र मिले।
20वीं सदी के मुस्लिम दार्शनिक अल्लामा इकबाल का हवाला देते हुए शम्स ने कहा कि है राम के वजूद पर हिंदोस्तान को नाज, अहले नजर समझते हैं उनको इमाम-ए-हिंद (हिंदुस्तान को भगवान राम के अस्तित्व पर गर्व है, लोग उन्हें हिंद का नेता मानते हैं)। शम्स ने कहा कि भगवान लक्ष्मण और देवी सीता, जो राज्य की सुख-सुविधाएं छोड़कर भगवान राम के पीछे जंगल में चले गए, वे भी बेहद प्रेरणादायक।