Mahmood Madani on Waqf Law. Image Source-IBC24 Archive
नई दिल्लीः Mahmood Madani on Waqf Law: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को सात दिन का समय दिया। न्यायालय ने साथ ही यह भी कहा कि इस बीच केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नियुक्ति नहीं होनी चाहिए। इस सुनवाई को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सदस्य मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट से कुछ उम्मीद है, लेकिन हमारी लड़ाई हर स्तर पर जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर उन्होंने कहा कि नया वक्फ कानून वक्फ संपत्तियों पर कब्ज़े की कोशिश है। SC ने ग़ैर-मुस्लिमों की भागीदारी, ‘वक्फ बाय यूज़र’ की समाप्ति, कलेक्टर द्वारा वक्फ की स्थिति बदलने की असंवैधानिक कोशिश पर हमारी आशंकाएं मानीं। यह सिर्फ हमारी नहीं, पूरे देश के बुद्धिजीवियों की चिंता है।”जमीयत इस कानून के खिलाफ हर स्तर पर लड़ाई जारी रखेगी।
Mahmood Madani on Waqf Law: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ एक्ट की सुनवाई पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हम इस एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं। कोर्ट ने कहा है कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ काउंसिल का गठन नहीं किया जाएगा और ‘वक्फ बाय यूजर’ को हटाया नहीं जा सकता। जेपीसी की चर्चा के दौरान मैंने सरकार द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों का विरोध करते हुए एक रिपोर्ट दी थी और बिल पर बहस के दौरान मैंने बिल को असंवैधानिक बताया था। इस एक्ट के खिलाफ हमारी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।”
“हमें सुप्रीम कोर्ट से कुछ उम्मीद है, लेकिन हमारी लड़ाई हर स्तर पर जारी रहेगी।” मौलाना महमूद मदनी Predident JUH
सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश पर कहा: नया वक्फ कानून वक्फ संपत्तियों पर कब्ज़े की कोशिश है। SC ने —ग़ैर-मुस्लिमों की भागीदारी, ‘वक्फ बाय यूज़र’ की समाप्ति, कलेक्टर… pic.twitter.com/b4XZHUPawD— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) April 17, 2025