NIA Raid Gujarat: भारत के इन पांच राज्यों में अल-कायदा के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश!.. मुस्लिम युवाओं को दे रहे थे ट्रेनिंग, बड़ी साजिश का खुलासा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों और अल-कायदा से जुड़े नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की। पांच राज्यों में चलाए गए दस ठिकानों की तलाशी में डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज़ और बैंक रिकॉर्ड जब्त किए गए।

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  • Publish Date - November 13, 2025 / 12:08 PM IST,
    Updated On - November 13, 2025 / 12:09 PM IST

NIA Raid Gujarat / Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • NIA ने पांच राज्यों में दस ठिकानों पर समानांतर छापेमारी।
  • आरोपियों ने भारत में ब्रेनवॉशिंग और कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार किया।
  • अहमदाबाद कोर्ट में चारों बांग्लादेशी नागरिकों पर UAPA के तहत गंभीर आरोप दर्ज।

NIA Raid Gujarat: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंक से जुड़े नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए गुजरात समेत पाँच राज्यों में दस ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ये कार्रवाई अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों और अल-कायदा से जुड़े संदिग्धों के नेटवर्क की जांच के तहत की गई। अब तक की जांच में ये सामने आया है कि चार बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद सोजिबमियान, मुन्ना खालिद अंसारी उर्फ़ मुन्ना खान, अज़रुल इस्लाम उर्फ़ जहांगिर उर्फ़ आकाश खान, और अब्दुल लतीफ़ उर्फ़ मोमिनुल अंसारी ने भारत में नकली पहचान पत्रों का उपयोग करके अवैध प्रवेश किया था। आरोपियों का आतंकवादी संगठन अल-क़ायदा से संबंध था।

पाँच राज्यों में एक साथ छापेमारी

NIA की टीमों ने गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और दिल्ली में दस ठिकानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया। एजेंसी ने कई ठिकानों से मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज़ और बैंक लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, इन ठिकानों पर रहने वाले कुछ व्यक्ति अवैध रूप से भारत में घुसे बांग्लादेशी नागरिक थे, जो गुप्त रूप से सक्रिय नेटवर्क का हिस्सा थे।

चार बांग्लादेशी नागरिक अल-कायदा से जुड़े

NIA की जांच में ये खुलासा हुआ है कि चार बांग्लादेशी नागरिक अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) से जुड़े थे। ये लोग न केवल फंडिंग गतिविधियों में शामिल थे बल्कि भारत में मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर प्रेरित करने में भी सक्रिय पाए गए। एजेंसी को संदेह है कि इस नेटवर्क के तार पड़ोसी देशों में फैले हैं और इनके संपर्क ऑनलाइन माध्यमों से स्थापित किए गए थे।

ब्रेनवॉशिंग का जाल

NIA Raid Gujarat: शुरूआती जांच के अनुसार, ये नेटवर्क विदेशी स्रोतों से प्राप्त फंडिंग के जरिए भारत में सक्रिय था। फंड का उपयोग गुप्त बैठकों, धार्मिक कट्टरपंथ से जुड़ी सामग्री के प्रचार और नए सदस्यों की भर्ती के लिए किया जाता था। एजेंसी को कई डिजिटल चैट्स और सोशल मीडिया संदेशों के सबूत मिले हैं, जिनसे विदेशी हैंडलर्स की भूमिका का संकेत मिलता है।

NIA ने अहमदाबाद कोर्ट में आरोप पत्र किया दाखिल

जांच पूरी होने के बाद NIA ने अहमदाबाद स्थित विशेष NIA अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें चारों बांग्लादेशी नागरिकों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एजेंसी ने अदालत को बताया कि उसके पास पर्याप्त इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, वित्तीय रिकॉर्ड और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान मौजूद हैं, जो आरोपियों की संलिप्तता सिद्ध करते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता

इस मामले के खुलासे के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने सीमावर्ती इलाकों और महानगरों में निगरानी और तलाशी अभियान तेज़ कर दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि अवैध अप्रवासन अब केवल सीमा सुरक्षा का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। एजेंसी इस नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों की पहचान में जुटी हुई है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी की संभावना है।

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NIA ने किन राज्यों में छापेमारी की?

NIA ने गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और दिल्ली में दस ठिकानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया।

आरोपियों का क्या संबंध था?

चार बांग्लादेशी नागरिकों का आतंकवादी संगठन अल-कायदा (AQIS) से जुड़ाव पाया गया। ये लोग भारत में फंडिंग और कट्टरपंथी प्रचार में सक्रिय थे।

क्या गिरफ्तार किए गए लोग अवैध रूप से भारत में थे?

हाँ, चारों बांग्लादेशी नागरिक नकली पहचान पत्रों का उपयोग करके अवैध रूप से भारत में प्रवेश किए थे।