अहमदाबाद, 12 दिसंबर (भाषा) गुजरात सरकार ने सोमवार को उच्च न्यायालय को बताया कि उसने मोरबी नगर निगम को भंग करने का फैसला किया है, जहां 30 अक्टूबर को एक पुल गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी।
मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति ए. जे. शास्त्री की खंडपीठ द्वारा पहले दिये गये सुझाव के अनुरूप राज्य सरकार पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा राशि छह लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने पर सहमत हुई।
अपने हलफनामे के माध्यम से, राज्य सरकार ने सोमवार को अदालत को सूचित किया कि वह मोरबी नगर निगम को ‘‘भंग’’ कर देगी और ‘‘गुजरात नगरपालिका अधिनियम की धारा 263 के तहत कार्यवाही और मोरबी के तत्कालीन मुख्य अधिकारी एस वी जाला के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई’’ शुरू करेगी।
महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने ‘‘हादसे में मारे गये व्यक्तियों के परिजनों को चार लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देने’’ का फैसला किया है, जिससे कुल मुआवजा 10 लाख रुपये हो जाएगा।
इस मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी।
भाषा देवेंद्र दिलीप
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