MP Ashok Singh News/Image Credit: MP Congress X Handle
MP Ashok Singh News: नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के सिहोर में स्थित VIT यूनिवर्सिटी में नवंबर में हुई घटना और शैक्षणिक संस्थाओं में खाद्य सुरक्षा के गिरते मानकों का मुद्दा आज राज्यसभा में गूंजा। कांग्रेस सांसद अशोक सिंह ने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया। अशोक सिंह ने भोपाल में हुई घटना ने शैक्षणिक संस्थाओं में खाद्य सुरक्षा के गिरते मानकों को लेकर एक गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि, इस घटना में दूषित पानी और अस्वच्छ भोजन के कारण हजारों छात्र बीमार पड़ गए। ये मामला हमारे संस्थागत ढांचे की विफलता को उजागर करता है।
अपने संबोधन के दौरान सांसद अशोक सिंह ने राज्यसभा मांग करते हुए कहा कि, मेरी मांग है कि इस मामले में सरकार संज्ञान ले और खाद्य सुरक्षा उल्लंघनों पर ZERO टॉलरेंस नीति रखे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
नवंबर में VIT यूनिवर्सिटी, भोपाल में हुई घटना ने शैक्षणिक संस्थाओं में खाद्य सुरक्षा के गिरते मानकों को लेकर एक गंभीर चेतावनी दी है।
इस घटना में दूषित पानी और अस्वच्छ भोजन के कारण हजारों छात्र बीमार पड़ गए। ये मामला हमारे संस्थागत ढांचे की विफलता को उजागर करता है।मेरी मांग है… pic.twitter.com/fZd9RQTP3O
— MP Congress (@INCMP) December 5, 2025
MP Ashok Singh News: सीहोर जिले के आष्टा में स्थित वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में मंगलवार देर रात छात्रों का प्रदर्शन उग्र हो गया था। कॉलेज परिसर में लगभग 4,000 छात्रों ने भोजन और पानी की गुणवत्ता, तथा अन्य समस्याओं को लेकर जोरदार विरोध किया था।
MP Ashok Singh News: प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने वाइस चांसलर की कार और यूनिवर्सिटी की एक बस में आग लगा दी थी। छात्रों का आरोप था कि, पिछले कई दिनों से यूनिवर्सिटी परिसर में पीलिया फैला हुआ है और प्रशासन उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की उपेक्षा कर रहा था। छात्रों के अनुसार पीलिया से 4 छात्र की मौत हो चुकी थी और दर्जनों छात्र बीमार थे। छात्रों ने बताया था कि, उन्हें लंबे समय से खराब गुणवत्ता वाला भोजन और पानी दिया जा रहा था। शिकायतों के बावजूद कॉलेज प्रशासन ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते उन्होंने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया और परिसर में तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आष्टा समेत आसपास के थानों से पुलिस बल तुरंत मौके पर भेजा गया था। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने छात्रों से संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुनने का आश्वासन दिया था।
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