अब कश्मीर में रहने वाले ऐसे नागरिकों को भी मिला मताधिकार, मतदाता सूची में जुड़वा सकेंगे नाम

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  • Publish Date - August 18, 2022 / 12:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में रह रहे बाहरी लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार ने बाहरी लोगों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। निर्वाचन आयोग ने कश्मीर से बाहर के लोगों को भी मतदान का अधिकार दिया है। इस घोषणा के अनुसार कर्मचारी, छात्र, मजदूर या देश के दूसरे राज्यों के वे व्यक्ति शामिल होंगे जो आमतौर पर जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं। वे मतदााता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। साथ ही जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव में वोट कर सकते हैं।

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ये लोग जुड़वा सकता है मतदाता सूची में नाम

मिली जानकरी के अनुसार, उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों को मतदाता के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अधिवास की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि अन्य राज्यों के सशस्त्र बल के जवान जो जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं, वे भी अपना नाम मतदाता सूची में जोड़ सकते हैं। चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि गैर-स्थानीय लोगों के लिए मतदान के लिए कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई जम्मू कश्मीर में कितने समय से रह रहा है। गैर स्थानीय जम्मू कश्मीर में रह रहा है या नहीं इस पर अंतिम फैसला ईआरओ करेगा। यहां किराए पर रहने वाले भी मतदान कर सकते हैं।”

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आयोग ने जताई 20 से 25 लाख वोटर बढ़ने की संभावना

उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में शामिल होने की एकमात्र शर्त यह है कि व्यक्ति ने अपने मूल राज्य से अपना मतदाता पंजीकरण रद्द कर दिया हो। आयोग के इस फैसले से मतदाता सूची में करीब 20 से 25 लाख नए मतदाता शामिल होंगे।

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महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर साधा निशाना

चुनाव आयुक्त के इस फैसले पर पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘पहले ‘जम्मू-कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने का भारत सरकार का निर्णय और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देना, यह भाजपा के पक्ष में चुनाव परिणामों को प्रभावित करना के संकेत हैं। असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर सख्ती से शासन करना जारी रखना है।”

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