Office Time Change Notice: बदल गया सरकारी दफ्तरों का टाइम टेबल.. अब सुबह 8:30 से शुरू होगा कामकाज, आदेश भी जारी..
अक्टूबर के महीने में दिल्ली की खराब हवा के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। लेकिन CREA की रिपोर्ट इस सामान्य धारणाओं को खारिज करती है।
New Delhi Office Time Change Notice Issued || ETHRWorld.com file
- दिल्ली सरकार ने बदले दफ्तरों के टाइम
- 15 नवंबर से नई समय-सारणी लागू
- दिल्ली बना देश का छठा प्रदूषित शहर
Office Time Change Notice Issued: नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों भीषण वायु प्रदूषण की चपेट में है। जहरीली हवाओं का असर हर आम और खास पर देखने को मिल रहा है। इस पॉल्यूशन संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने सरकारी दफ्तरों के टाइम टेबल में बदलाव का फैसला लिया है।
New Delhi Pollution News: क्या है नया टाइम-टेबल?
दरअसल दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र दिल्ली सरकार व दिल्ली नगर निगम के कार्यालयों में काम करने के समय में बदलाव किया है। नई समय सारिणी 15 नवंबर 2025-15 फरवरी 2026 तक लागू रहेगा। इसके तहत दिल्ली सरकार के कार्यालय सुबह 10:00 बजे शाम 6:30 बजे तक खुलेंगे जबकि नगर निगम कार्यालय सुबह 8:30 बजे शाम 5:00 बजे तक खुलेंगे।
STORY | Delhi CM announces staggered timings for govt offices to curb pollution
Chief Minister Rekha Gupta on Friday announced staggered working hours for Delhi government and MCD employees from November 15 to February 15 in view of rising pollution in the city.
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— Press Trust of India (@PTI_News) November 7, 2025
दिल्ली देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर
Office Time Change Notice Issued: गौरतलब है कि, सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि अक्टूबर 2025 में दिल्ली देश के छठे सबसे प्रदूषित शहर के रूप में दर्ज हुआ। वहीं, गाजियाबाद और नोएडा जैसे आसपास के शहरों का प्रदूषण दिल्ली से भी अधिक पाया गया।
New Delhi Air Pollution Updates: क्या पराली की वजह से बढ़ा एयर पॉल्यूशन?
रिपोर्ट ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्या पर प्रकाश डाला है। खासकर सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में हवा की गुणवत्ता चिंता का विषय बनी हुई है। अक्सर अक्टूबर के महीने में दिल्ली की खराब हवा के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। लेकिन CREA की रिपोर्ट इस सामान्य धारणाओं को खारिज करती है। अक्टूबर में दिल्ली के पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) में पराली जलाने का योगदान 6 प्रतिशत से भी कम पाया गया। इसका अर्थ साफ है कि किसानों की गतिविधियाँ इस बार दिल्ली की हवा की खराब गुणवत्ता की मुख्य वजह नहीं थीं।
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण फैक्ट्रियों, ट्रैफिक और दिवाली के दौरान पटाखों का उत्सर्जन रहा। इसके अलावा, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) जैसी सीजनल नीतियों को पर्याप्त रूप से लागू न करना भी हवा की गुणवत्ता पर असर डालता है।
शिलांग सबसे स्वच्छ शहर
Office Time Change Notice Issued: हरियाणा का धारूहेड़ा अक्टूबर में सबसे प्रदूषित शहर रहा। यहां दो दिन ‘गंभीर’ और नौ दिन ‘बेहद खराब’ एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) दर्ज किया गया। दिल्ली का मासिक औसत PM2.5 स्तर 107 माइक्रोग्राम/घन मीटर रहा, जो सितंबर के औसत 36 माइक्रोग्राम/घन मीटर से लगभग तीन गुना अधिक था। वहीं, मेघालय का शिलांग सबसे स्वच्छ शहर बना, जहां औसत PM2.5 केवल 10 माइक्रोग्राम/घन मीटर दर्ज किया गया। कर्नाटक और तमिलनाडु के शहर भी सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में शामिल रहे।
ये शहर सबसे प्रदूषित
सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में रोहतक, गाजियाबाद, नोएडा, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, हापुड़ और गुड़गांव भी शामिल हैं, जो मुख्य रूप से NCR और हरियाणा में केंद्रित हैं।
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