ओवैसी ने पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रों के निरस्त्रीकरण के लिए वैश्विक कदम उठाने का आह्वान किया

ओवैसी ने पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रों के निरस्त्रीकरण के लिए वैश्विक कदम उठाने का आह्वान किया

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  • Publish Date - May 10, 2025 / 07:24 PM IST,
    Updated On - May 10, 2025 / 07:24 PM IST

हैदराबाद, 10 मई (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के निरस्त्रीकरण का आह्वान करते हुए कहा कि यह देश वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है।

हैदराबाद के सांसद ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “हमें एक ऐसे देश के खिलाफ बहुत मजबूती से खड़े होने की जरूरत है, जो पूरी दुनिया के लिए खतरा है। कभी न कभी, वैश्विक नेताओं को यह तय करना होगा कि क्या इस देश को परमाणु बम रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। उनके परमाणु बमों के निरस्त्रीकरण की जरूरत है।”

ओवैसी ने हाल के घटनाक्रमों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ड्रोन श्रीनगर हवाई अड्डे के पास पहुंचे और अस्पतालों को निशाना बनाया गया।

उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता कि हमारे सैनिक कितनी बहादुरी से उनका सामना कर रहे हैं। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि हम लड़ना नहीं चाहते, लेकिन अगर कोई चाहता है, तो हमें लड़ना होगा।”

ओवैसी ने सभी भारतीयों से राजनीति से परे हटकर भारत व पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य संघर्ष के मद्देनजर देश के सशस्त्र बलों के पीछे मजबूती से खड़े होने का आग्रह किया।

उन्होंने आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को हाल ही में एक अरब अमेरिकी डालर के ऋण की मंजूरी दिये जाने की आलोचना करते हुए कहा, “वे (पाकिस्तान) भिखारी हैं। उन्होंने आईएमएफ से एक अरब अमेरिकी डॉलर का ऋण लिया। यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष नहीं, वे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय उग्रवादी कोष दे रहे हैं। अमेरिका, जर्मनी और जापान इस पर कैसे सहमत हो गए? हमारी जमीन, हमारे घरों, हमारे सैनिकों पर हमले हो रहे हैं, उन्हें ऋण मिला।”

एआईएमआईएम नेता ने दावा किया कि पाकिस्तान शासन और आर्थिक प्रबंधन में ‘विफल’ रहा है।

उन्होंने पाकिस्तान पर भारत को अस्थिर करने और हिंदुओं व मुसलमानों के बीच मतभेद पैदा करने के लिए ‘इस्लाम का दुरुपयोग’करने का आरोप लगाया।

ओवैसी ने कहा, “बहावलपुर और मुरीदके में हमला हुआ, जहां अमेरिका में आतंकवादी घटनाओं के आतंकी हैं, उनके पीछे पाकिस्तानी सेना खड़ी है।”

भाषा जितेंद्र माधव

माधव