पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री गंडापुर ने प्रांतीय विधानसभा भंग करने की चेतावनी दी

पाकिस्तान: खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री गंडापुर ने प्रांतीय विधानसभा भंग करने की चेतावनी दी

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  • Publish Date - June 20, 2025 / 06:13 PM IST,
    Updated On - June 20, 2025 / 06:13 PM IST

पेशावर, 20 जून (भाषा) पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर संघीय सरकार प्रांत में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करेगी तो वह प्रांतीय विधानसभा को भंग कर देंगे।

पीटीआई नेता ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उनके पास किसी भी समय प्रांतीय विधानसभा को भंग करने का संवैधानिक अधिकार है।

मुख्यमंत्री ने हाल में स्वीकृत प्रांतीय बजट के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया और विधायकों को निर्देश दिए कि शुक्रवार के विधानसभा सत्र के दौरान बजट पर कोई कटौती प्रस्ताव पेश न करें।

गंडापुर ने कहा, ‘‘अगर हम बजट पारित नहीं करते हैं, तो संघीय सरकार वित्तीय आपातकाल के बहाने प्रांत का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि साजिशों के जरिए पीटीआई के नेतृत्व वाली प्रांतीय सरकार को गिराने के प्रयास चल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने नौ मई 2023 की घटनाओं के बाद संघीय अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि उनके साथ ‘अन्यायपूर्ण व्यवहार’ किया गया और दावा किया कि खैबर पख्तूनख्वा में जनता के जनादेश की चोरी की गई है।

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नौ मई 2023 की हिंसा के संबंध में लाहौर में कई मामले दर्ज हैं, जिनमें अपने समर्थकों को सरकारी और सैन्य भवनों पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप भी शामिल है।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा इमरान को गिरफ्तार किए जाने के बाद ये हिंसा भड़की थी।

क्रिकेटर से नेता बने 72 वर्षीय इमरान पर कई मामले दर्ज होने के बाद वह अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं।

गंडापुर ने कहा, ‘‘हमारे नेता को गलत तरीके से जेल में डाला गया और नौ मई के बाद जिस तरह से हमारे साथ व्यवहार किया गया फिर हमारे जनादेश की चोरी की गई, वह अस्वीकार्य है। हालांकि, इस प्रांत के लोग अपने वोट की रक्षा के लिए दृढ़ रहे।’’

उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर पर बजट सत्र न बुलाकर संवैधानिक जिम्मेदारियों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘बजट सत्र बुलाना गवर्नर का संवैधानिक कर्तव्य है, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे।’’

गंडापुर ने कहा, ‘‘इसके अलावा, हमारी पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष को बजट पर परामर्श लेने का कानूनी और नैतिक अधिकार है, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई।’’

भाषा यासिर माधव

माधव