नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस ने ‘शांति’ विधेयक को लेकर रविवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसे संसद में न केवल ‘ट्रंप’, बल्कि ‘अदाणी’ के लिए जल्दबाजी में पारित कराया गया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें दावा किया गया है कि निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति मिलने के बाद अदाणी समूह परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखने की योजना बना रहा है।
शुक्रवार को संपन्न हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों द्वारा ‘भारत के रूपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025’ को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य कड़ाई से नियंत्रित असैन्य परमाणु क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोलना है।
रमेश ने दावा किया, ‘‘शांति विधेयक को संसद में न केवल ट्रंप (द रिएक्टर यूज मैनेजमेंट प्रोग्राम) के लिए, बल्कि अदाणी (एक्सेलेरेटेड डेमेजिंग अधिनियम फोर न्यूक्लियर इंडिया) के लिए जल्दबाजी में पारित कराया गया।’’
कांग्रेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक वार्षिक रक्षा नीति विधेयक पर हस्ताक्षर किए जाने का हवाला देते हुए शनिवार को दावा किया था कि संसद के शीतकालीन सत्र में पारित ‘‘शांति’’ विधेयक का मकसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ‘‘उनके अच्छे मित्र रहे ट्रंप के बीच शांति बहाल करना था।’’
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में अमेरिकी वित्त वर्ष 2026 के लिए ‘नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट’ पर हस्ताक्षर किए हैं। यह अधिनियम 3,100 पृष्ठों का है। पृष्ठ संख्या 1912 में परमाणु दायित्व नियमों पर अमेरिका और भारत के बीच संयुक्त मूल्यांकन का संदर्भ है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘अब हम निश्चित रूप से जानते हैं कि प्रधानमंत्री ने इस सप्ताह की शुरुआत में संसद के माध्यम से शांति विधेयक को क्यों पारित करवाया, जिसमें अन्य बातों के अलावा, परमाणुवीय नुकसान के लिये सिविल दायित्व अधिनियम, 2010 के लिए नागरिक दायित्व के प्रमुख प्रावधानों को हटा दिया गया था, जिसे संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया था।’’
रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह विधेयक पारित कराने का मक़सद प्रधानमंत्री के कभी अच्छे मित्र रहे ट्रंप के साथ शांति बहाल करना है।
रमेश ने दावा किया कि शांति अधिनियम को ट्रंप अधिनियम (द रिएक्टर यूज मैनेजमेंट प्रोग्राम) कहा जा सकता है।
भाषा शफीक दिलीप
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