Petrol pumps did not follow this rule, then the license will be canceled

पेट्रोल पंपों ने नहीं किया इस नियम का पालन, तो रद्द हो जाएगा लाइसेंस, जाने सरकार के फैसले के बारे में

Petrol pumps license will be canceled :  देश में पेट्रोल और डीजल को लेकर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई राज्यों में प्राइवेट

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : June 18, 2022/10:34 pm IST

नई दिल्ली : Petrol pumps license will be canceled :  देश में पेट्रोल और डीजल को लेकर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई राज्यों में प्राइवेट पेट्रोल पंपों ने घाटे से बचने के लिए आने काम के समय को सिमित कर दिया है। इसी बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। पेट्रोल पंप अपना ऑपरेशन चालू रखे इसके लिए सरकार ने यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन का दायरा बढ़ा दिया है। ये दायरा बढ़ाने के बाद पेट्रोल पंप को फिक्स टाइम के अंदर ही ईंधन की बिक्री करनी होगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि जो भी इस नियम का पालन नहीं करेगा, उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

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Petrol pumps license will be canceled : पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार ने अब सभी आउटलेट्स को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन के दायरे में शामिल कर लिया है। ग्राहकों को बेहतरीन सर्विस मिले, इसके लिए ये फैसला लिया गया है।

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सरकार ने इस वजह से लिया फैसला

Petrol pumps license will be canceled :  यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन के तहत पेट्रोल पंपों को कामकाजी घंटों के दौरान पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति बनाए रखना होता है। साथ ही ग्राहकों को उचित दाम पर फ्यूल भी उपलब्ध करना होगा। माना जा रहा है कि सरकार ने कुछ राज्यों में कई सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों की लंबी कतारों को देखते हुए ये नई गाइडलाइंस जारी की गई है। रिटेल फ्यूल स्टेशन लाइसेंस 2019 के दिशानिर्देशों के अनुसार, देश के सुदूर इलाकों में USO के माध्यम से ही फ्यूल स्टेशनों के सर्विस नियम तय होते हैं।

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प्राइवेट रिटेलर्स को नुकसान

Petrol pumps license will be canceled :  रिपोर्ट में कहा कहा गया है कि सरकारी पेट्रोल पंपों पर ईंधन की मांग इसलिए बढ़ी है, क्योंकि प्राइवेट पंप तय समय तक ग्राहकों को फ्यूल नहीं बेच रहे। इसकी वजह से सरकार ने यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन का दायरा बढ़ाया है। निजी फ्यूल कंपनियों ने अपने डीलरों को आपूर्ति में तेजी से कमी की है। इसके अलावा वो ग्राहकों को तय कीमत से अधिक पर फ्यूल बेच रहे हैं। सरकारी कंपनियों ने लगभग दो महीने से घरेलू कीमतें नहीं बढ़ाई हैं। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी दरें बढ़ी हैं। इस वजह से प्राइवेट रिटलरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है और वो इस तरह का घाटा झेलना नहीं चाहते हैं। इसलिए उन्होंने पेट्रोल-डीजल की बिक्री में कटौती की है।

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कुछ राज्यों में बढ़ी ईंधन की मांग

Petrol pumps license will be canceled :  इस सप्ताह की शुरुआत में तेल मंत्रालय ने कहा था कि जून की पहली छमाही के दौरान कुछ राज्यों के कुछ स्थानों पर पेट्रोल और डीजल की मांग में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मुख्य रूप से ईंधन की मांग राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में बढ़ी है। क्रूड ऑयल के भाव 10 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बावजूद 6 अप्रैल के बाद से पेट्रोल-डीजल के भाव स्थिर बने हुए हैं।