PM Modi on Bhai-Dooj || Image- IBC24 News File
PM Modi on Bhai-Dooj: नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भाई दूज के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और सभी के लिए सुख और समृद्धि की कामना की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “भाई दूज के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। भाई-बहन के आपसी प्रेम और विश्वास का प्रतीक यह त्योहार सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाए। इस रिश्ते की डोर और मजबूत हो, यही मेरी कामना है।”
आप सभी को भाई दूज की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। भाई-बहन के आपसी प्रेम और विश्वास का यह प्रतीक-पर्व हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आए। इस रिश्ते की डोर को एक नई मजबूती मिले, यही कामना है।
— Narendra Modi (@narendramodi) October 23, 2025
प्रधानमंत्री के साथ ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी भाई दूज के अवसर पर राज्य के लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। सीएम सुक्खू ने कहा कि भाई दूज एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह के अटूट बंधन का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी आयु, सुख और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं। यह त्योहार भाई-बहनों के बीच प्यार, देखभाल और विश्वास को बढ़ावा देने पर भी जोर देता है।” उन्होंने राज्य के लोगों से पारिवारिक बंधन और भाईचारे को मजबूत करने का आग्रह किया तथा सभी के लिए खुशी, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।
भाई-बहन का रिश्ता परस्पर एक-दूसरे के बीच स्नेह, प्रेम, विश्वास और समझदारी का सूत्र है। यह पावन पर्व इसी अटूट बंधन को नई ऊर्जा और आशा देता है।
सभी प्रदेशवासियों को भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएँ। pic.twitter.com/89kh5F2HOA
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) October 23, 2025
PM Modi on Bhai-Dooj: गौरतलब है कि, भाई दूज, जिसे पूरे भारत में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है। उत्तर भारत में इसे भाई दूज, भाऊ बिज या भाई बीज के नाम से जाना जाता है, जबकि महाराष्ट्र में इसे भाई टीका के रूप में मनाया जाता है। बंगाल में इसे भाई फोंटा के नाम से जाना जाता है, और दक्षिणी क्षेत्रों, खासकर कर्नाटक और तेलंगाना में इसे यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक द्वितीया के दिन देवी यमुना ने अपने भाई यमराज को अपने घर पर भोजन कराया था। तब से, इस दिन को यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है। बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके दीर्घायु एवं समृद्ध जीवन की कामना के लिए व्रत और पूजा-अर्चना जैसे अनुष्ठान करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षाबंधन के समान भावना वाला भाई दूज पर्व, कई प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में भाई-बहन के बीच शाश्वत प्रेम और बंधन के उत्सव के रूप में वर्णित है।
मध्यप्रदेश की सियासत में तूफानी वापसी का ऐलान, उमा भारती लड़ेंगीं लोकसभा चुनाव