Bhai-Dooj Celebrations: पीएम मोदी ने दी भाई-दूज की बधाई.. कहा, ‘भाई-बहन के बीच प्रेम और विश्वास का प्रतीक यह त्यौहार आपके लिए खुशियाँ लेकर आए’

भाई दूज पूरे भारत में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है। उत्तर भारत में इसे भाई दूज, भाऊ बिज या भाई बीज के नाम से जाना जाता है, जबकि महाराष्ट्र में इसे भाई टीका के रूप में मनाया जाता है।

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  • Publish Date - October 23, 2025 / 10:11 AM IST,
    Updated On - October 23, 2025 / 10:11 AM IST

PM Modi on Bhai-Dooj || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • पीएम मोदी ने दी भाई दूज की शुभकामनाएं
  • सीएम सुक्खू ने बधाई देते हुए कही खास बात
  • जानें भाई दूज का महत्व और परंपरा

PM Modi on Bhai-Dooj: नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भाई दूज के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और सभी के लिए सुख और समृद्धि की कामना की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “भाई दूज के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। भाई-बहन के आपसी प्रेम और विश्वास का प्रतीक यह त्योहार सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाए। इस रिश्ते की डोर और मजबूत हो, यही मेरी कामना है।”

हिमाचल के CM मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी दी बधाई

प्रधानमंत्री के साथ ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी भाई दूज के अवसर पर राज्य के लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। सीएम सुक्खू ने कहा कि भाई दूज एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह के अटूट बंधन का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी आयु, सुख और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं। यह त्योहार भाई-बहनों के बीच प्यार, देखभाल और विश्वास को बढ़ावा देने पर भी जोर देता है।” उन्होंने राज्य के लोगों से पारिवारिक बंधन और भाईचारे को मजबूत करने का आग्रह किया तथा सभी के लिए खुशी, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।

देशभर में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है त्योहार

PM Modi on Bhai-Dooj: गौरतलब है कि, भाई दूज, जिसे पूरे भारत में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है। उत्तर भारत में इसे भाई दूज, भाऊ बिज या भाई बीज के नाम से जाना जाता है, जबकि महाराष्ट्र में इसे भाई टीका के रूप में मनाया जाता है। बंगाल में इसे भाई फोंटा के नाम से जाना जाता है, और दक्षिणी क्षेत्रों, खासकर कर्नाटक और तेलंगाना में इसे यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है।

क्या है इस पर्व की धार्मिक मान्यता?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक द्वितीया के दिन देवी यमुना ने अपने भाई यमराज को अपने घर पर भोजन कराया था। तब से, इस दिन को यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है। बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके दीर्घायु एवं समृद्ध जीवन की कामना के लिए व्रत और पूजा-अर्चना जैसे अनुष्ठान करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षाबंधन के समान भावना वाला भाई दूज पर्व, कई प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में भाई-बहन के बीच शाश्वत प्रेम और बंधन के उत्सव के रूप में वर्णित है।

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प्रश्न 1: भाई दूज क्यों मनाया जाता है?

उत्तर: यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और रक्षा के अटूट बंधन का प्रतीक है।

प्रश्न 2: भाई दूज को किन नामों से जाना जाता है?

उत्तर: इसे भाऊ बीज, भाई टीका, भाई फोंटा और यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 3: भाई दूज की पौराणिक कथा क्या है?

उत्तर: देवी यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन कराया, तभी से यह पर्व मनाया जाता है।