निर्भया के गुनाहगारों को फांसी देने की तैयारी, डमी बनाकर किया जा रहा अभ्यास, फंदा बनाने ली गई गले की नाप

निर्भया के गुनाहगारों को फांसी देने की तैयारी, डमी बनाकर किया जा रहा अभ्यास, फंदा बनाने ली गई गले की नाप

निर्भया के गुनाहगारों को फांसी देने की तैयारी, डमी बनाकर किया जा रहा अभ्यास, फंदा बनाने ली गई गले की नाप
Modified Date: November 29, 2022 / 08:28 pm IST
Published Date: January 13, 2020 8:30 am IST

नईदिल्ली। निर्भया के गुनाहगारों को फांसी देने की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी कड़ी में तिहाड़ केंद्रीय कारागार में रविवार को डमी के साथ फांसी देने का अभ्यास किया। दो जगहों पर तैयार की गई चार तख्ती पर अब तक तीन बार डमी से अभ्यास किया जा चुका है और इसकी रिपोर्ट भी उच्चाधिकारियों को भेजा गया है।

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जेल सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में अगर फांसी घर में किसी तरह की मरम्मत का काम करवाने की बात आती है तो इससे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इससे सूचित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार जेल नंबर तीन में अलग-अलग जगहों पर बने चार तख्ती पर इसका ट्रायल किया गया। ट्रायल शुरू होने से पहले चारों दोषियों के वजन के हिसाब से चार डमी तैयार किए गए।

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ईंट का गर्दन और बोरी में रेत और पत्थर भरकर डमी तैयार किया गया। उसके बाद जिस रस्सी से दोषियों को फांसी दी जाएगी। उस रस्सी का इस्तेमाल फंदे के तौर पर किया गया। डमी को करीब एक घंटे तक लटकाए रखा गया। जेल सूत्रों का कहना है कि ट्रायल के दौरान किसी तरह की कोई मुश्किल सामने नहीं आई।

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बता दें कि डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल मैनुअल के मुताबिक सारी प्रक्रिया होती है। जिसमें सबसे अहम फांसी का ट्रायल करना होता है। इसमें एक एक बारिकियों को देखा जाता है। जिससे कि फांसी के समय किसी भी तरह की कोई समस्या न हो सके। गौरतलब है कि तिहाड़ जेल में अफजल को फांसी देने के दौरान ट्रायल करने पर रस्सी कई बार टूट गई थी।

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वहीं शनिवार को जेल प्रशासन ने चारों दोषियों के गले का नाप लिया। साइज के हिसाब से जेल प्रशासन फांसी का फंदा तैयार करेगा। इस दौरान चारों दोषियों की लंबाई मापी गई और वजन भी लिया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान चारों गुनहगार फूट-फूट कर रो रहे थे।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com