Pressing private part will not be considered attempt to murder

‘गुप्तांग को दबोचना हत्या की कोशिश नहीं’ हाई कोर्ट ने बदल दिया निचली अदालत का फैसला, दोषी को दी राहत

'गुप्तांग को दबोचना हत्या की कोशिश नहीं’ हाई कोर्ट ने बदल दिया निचली अदालत का फैसला, दोषी को दी राहत! Pressing private part

Edited By :   Modified Date:  June 27, 2023 / 01:19 PM IST, Published Date : June 27, 2023/1:19 pm IST

बेंगलुरुः Pressing private part झगड़े के दौरान हत्या की कोशिश किए जाने के एक मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए आरोपी की सजा को कम कर दिया है। मामले में निचली अदालत ने पीड़ित को गंभीर चोट पहुंचाने के आरोपी में दोषी करार देते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई थी, लेकिन अब हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी की सजा कम कर दी है।

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Pressing private part दरअसल पीड़ित ओंकारप्पा की शिकायत में कहा गया है कि वह और अन्य लोग गांव के मेले के दौरान ’नरसिंह स्वामी’ जुलूस के सामने नृत्य कर रहे थे, तभी आरोपी परमेश्वरप्पा मोटरसाइकिल से वहां आया और झगड़ा करने लगा। इसके बाद हुई लड़ाई के दौरान, परमेश्वरप्पा ने ओंकारप्पा के अंडकोष को दबोच लिया, जिससे उसे गंभीर चोट आई।

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मामले में निचली अदालत ने सुनवाई करते हुए ओकारप्पा को सात साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद आरोपी ओंकारप्पा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं, सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने हाई कोर्ट ने दोषी व्यक्ति को राहत देते हुए सात साल कैद की सजा को कम करके तीन साल कर दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी का पीड़ित की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था और पीड़ित को चोट झगड़े के दौरान लगी थी।

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हाई कोर्ट ने कहा, आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच मौके पर झगड़ा हुआ था। उस झगड़े के दौरान, आरोपी ने शिकायतकर्ता का अंडकोष दबोचने का चयन किया। इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता है कि आरोपी हत्या करने के इरादे से या तैयारी के साथ आया था। अगर उसने (आरोपी ने) हत्या की तैयारी की होती या हत्या का प्रयास किया होता तो वह इसके लिए अपने साथ कुछ घातक हथियार ला सकता था।

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अदालत ने कहा कि आरोपी ने पीड़ित को गंभीर चोट पहुंचाई है और इसके कारण पीड़ित की मृत्यु हो सकती थी, लेकिन आरोपी का इरादा ऐसा कतई नहीं था। जस्टिस के नटराजन ने अपने हालिया फैसले में कहा है, ’यद्यपि आरोपी ने शरीर के महत्वपूर्ण अंग ’अंडकोष’ को दबोचने का निर्णय लिया, जो मौत का कारण बन सकता है। (इस घटना के बाद) घायल को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी सर्जरी भी की गई और अंडकोष को हटा दिया गया, जो एक गंभीर जख्म है। इसलिए, मेरी नजर में, यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी ने कुत्सित इरादे या तैयारी के साथ हत्या का प्रयास किया था।

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अदालत ने कहा कि आरोपी द्वारा पहुंचाई गई चोट भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 324 के तहत अपराध की श्रेणी में आएगी, जो शरीर के महत्वपूर्ण ’गुप्तांग’ को चोट पहुंचाने से संबंधित है।

 

 

 

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