इंडिया गेट के पास प्रदर्शन : दिल्ली पुलिस ने कहा, प्रदर्शनकारियों ने हिडमा के समर्थन में नारे लगाए

इंडिया गेट के पास प्रदर्शन : दिल्ली पुलिस ने कहा, प्रदर्शनकारियों ने हिडमा के समर्थन में नारे लगाए

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  • Publish Date - November 24, 2025 / 08:22 PM IST,
    Updated On - November 24, 2025 / 08:22 PM IST

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने सोमवार को यहां एक अदालत को बताया कि प्रदूषण को लेकर इंडिया गेट के पास प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों पर कथित तौर पर ‘पेपर स्प्रे’ का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार पांच प्रदर्शनकारी मारे गए माओवादी नेता माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगा रहे थे।

न्यायिक मजिस्ट्रेट अरिदमन सिंह चीमा ने उन पांच छात्रों के खिलाफ मामले की सुनवाई की जिनके खिलाफ कर्तव्य पथ थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पांचों प्रदर्शनकारियों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने मामले में एक व्यक्ति को उसकी उम्र का सत्यापन होने तक निगरानी गृह भेज दिया।

अदालत ने जिन पांच छात्रों को न्यायिक हिरासत में भेजा है, उनकी पहचान आकाश, अहान, अक्षय, समीर और विष्णु के तौर पर की गई है।

पुलिस ने मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79 (महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से किया गया कृत्य) 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 221 (सरकारी कर्मचारियों के कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालना) और 223 (सरकारी कर्मचारी के वैध आदेश की अवज्ञा) सहित सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

कार्यवाही के दौरान, जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगा रहे थे। हिडमा शीर्ष माओवादी नेता था, जो इस महीने की शुरुआत में आंध्र प्रदेश में एक मुठभेड़ में मारा गया था।

जांच अधिकारी ने मजिस्ट्रेट को प्रदर्शन के दौरान हिडमा के खिलाफ नारे लगाते प्रदर्शनकारियों का एक वीडियो भी दिखाया।

बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि पूछताछ के दौरान कम से कम तीन छात्रों को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया। उन्होंने मजिस्ट्रेट को कुछ तस्वीरें भी दिखाईं जिनमें कथित तौर पर उनके शरीर पर चोट के निशान दिखाई दे रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘वे छात्र हैं, वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने गए थे। किसी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि में शामिल होने नहीं।’

उन्होंने न्यायाधीश से आरोपी अहान को राहत देने का भी आग्रह किया, जिसे मंगलवार को होने वाली परीक्षा में शामिल होना है। हालांकि, न्यायाधीश ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि ‘उसे विरोध स्थल पर जाने से पहले ही यह पता था।’

वकील ने कहा, ‘हमें कोई आदेश नहीं मिला। 24 घंटे हो गए हैं, हमें प्राथमिकी की कोई प्रति नहीं मिली है।’

वकील ने कहा ‘हमारे द्वारा जमा की गई तस्वीर पुलिस की बर्बरता दिखाती है। वे इस मामले से क्या उजागर करना चाहते हैं? क्या उन्हें कोई व्हाट्सएप लिंक मिला है? वे सिर्फ़ छात्र हैं।’’

भाषा आशीष माधव

माधव